×

इन्द्रधनु का अर्थ

इन्द्रधनु अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. हिन्दी काव्य की विजयिनी कीर्ति-वसुंधरा का अज्ञेय नामधारी कवि ऐसा दूत है- ' भग्नदूत', जो अपनी 'चिन्ता' को 'इत्यलम' कहकर विरम नहीं गया, बल्कि 'हरी घास पर क्षण भर ' बैठकर वह 'बावरा अहेरी' कलेजा दबाये एकटक देखता रहा - पड़े हैं सामने 'इन्द्रधनु रौंदे हुए ये' ।
  2. रेत के कच्चे घरोंदों-सा सजीला ख़त गुलमुहर के फूल-सा कुछ लाल-पीला ख़त याद की उतरन में संवरा तंग-ढीला ख़त कोर पर आँखों की उभरा मन , पनीला ख़त इस बरस बरसात में चमके हैं ढेरों इन्द्रधनु छोर की ख्वाहिश में उलझा मौन मन आहत लिखूं .
  3. कितना भोला था मैं ! युगसंचित परिवर्द्धित परिपाटी को पहली भेंट में ही सिद्ध कर लेना चाहता था!कितना भोला था मैं! धूप के आँचल में छिपे अरुण से मित्रता करना चाहता था!कितना भोला था मैं! इन्द्रधनु की बूँदों से एक रंग चुराना चाहता था!कितना भोला था मैं! हवा से लुकछिप खेलना चाहता था।
  4. हिन्दी काव्य की विजयिनी कीर्ति-वसुंधरा का अज्ञेय नामधारी कवि ऐसा दूत है- ' भग्नदूत ' , जो अपनी ' चिन्ता ' को ' इत्यलम ' कहकर विरम नहीं गया , बल्कि ' हरी घास पर क्षण भर ' बैठकर वह ' बावरा अहेरी ' कलेजा दबाये एकटक देखता रहा - पड़े हैं सामने ' इन्द्रधनु रौंदे हुए ये ' ।
  5. हिन्दी काव्य की विजयिनी कीर्ति-वसुंधरा का अज्ञेय नामधारी कवि ऐसा दूत है- ' भग्नदूत ' , जो अपनी ' चिन्ता ' को ' इत्यलम ' कहकर विरम नहीं गया , बल्कि ' हरी घास पर क्षण भर ' बैठकर वह ' बावरा अहेरी ' कलेजा दबाये एकटक देखता रहा - पड़े हैं सामने ' इन्द्रधनु रौंदे हुए ये ' ।
  6. अज्ञेय की रचनाओं में शुरू से आखिर तक प्रकृति के सहज आकर्षण और उसके जीवंत चित्र प्राप्त होते हैं - हरी घास , सागर तट , नदी तट , पत्नी , चिड़िया , कली , पपीहा , ललाती सांझ , चदरीली चाँदनी , काजल पुती रात , पूनो , इन्द्रधनु , छाया , पगडंडी , लहर , झील , बदली , क्वार की बयार आदि ।
  7. अज्ञेय की रचनाओं में शुरू से आखिर तक प्रकृति के सहज आकर्षण और उसके जीवंत चित्र प्राप्त होते हैं - हरी घास , सागर तट , नदी तट , पत्नी , चिड़िया , कली , पपीहा , ललाती सांझ , चदरीली चाँदनी , काजल पुती रात , पूनो , इन्द्रधनु , छाया , पगडंडी , लहर , झील , बदली , क्वार की बयार आदि ।
  8. इन्द्रधनु रौंदे हुए ये ' ( १ ९ ५ ७ ) , ' अरी ओ करुणा प्रभामय ( १ ९ ५ ९ ) , ' आँगन के पार द्वार ' ( १ ९ ६ १ ) , कितनी नावों में कितनी बार ( १ ९ ६ ७ ) और क्योंकि मैं उसे जानता हूँ ( १ ९ ६ ९ ) - इसे ध्यान के व्यापक क्षेत्र में मैंने ग्रहण किया है ।
  9. जबतक मेरे और मेरे आसपास पड़े निर्जीव चीज़ों में कोई अंतर ना रह जाये . ..... इन्द्रधनु ष. ... सात रं ग. ... तीन प्राथमिक रंगों का संगम .... सफेद रं ग. .... जिसे पहचानना आँखों पर निर्भर .... आँख बंद कर लो .... रंग अपने जिन्दगी से अलग कर लो .... जीवन क्या है ... क्यों है .... मैं नहीं जानती .... पर अगर मुझे मिला है तो मैं जीवित रहना चाहती हूँ .......
  10. जबतक मेरे और मेरे आसपास पड़े निर्जीव चीज़ों में कोई अंतर ना रह जाये . ..... इन्द्रधनु ष. ... सात रं ग. ... तीन प्राथमिक रंगों का संगम .... सफेद रं ग. .... जिसे पहचानना आँखों पर निर्भर .... आँख बंद कर लो .... रंग अपने जिन्दगी से अलग कर लो .... जीवन क्या है ... क्यों है .... मैं नहीं जानती .... पर अगर मुझे मिला है तो मैं जीवित रहना चाहती हूँ .......
अधिक:   पिछला  आगे


PC संस्करण
English


Copyright © 2023 WordTech Co.