इस्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ख़ुदावंद आलम ने इरादा किया कि ये उम्मत दीन को फ़रामोश ना करे लिहाज़ा इस उम्मत मुस्लिमा के ऊपर नमाज़ को वाजिब क़रार दिया ताकि हर रोज़ पाँच बार आँहज़रत को याद करें और उन का इस्म गिरामी ज़बान पर
- बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की ! उसे बुला जिसकी चाहत में तेरा तन-मन भीगा है प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी ! और जब इस बारिश के बाद हिज्र की पहली धूप खिलेगी तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे ।
- या ये देखें बारिश में क्या तनहा भींगना लड़की ? उसे बुला जिसकी चाहत में तेरा तन मन भींगा है प्यार की बारिश से बढ़कर भी क्या बारिश होगी और जब इस बारिश के बाद हिज्र की पहली धूप खिलेगी तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे
- पहले तो मैं जोश 18 को धन्यवाद करूँगा की उन्होने हिंदी मैं इतनी बढ़िया वेब साइट बनाई ओर इस्म हर तरह की समाचार दिए मैं तो इस साइट का हर समाचार पढ़ता हूँ बहुत बढ़िया आप लोग ऐसे ही इस साइट को ओर बुलंदी की ओर ले जाए
- ( 12 ) कुछ मुफ़स्सिरों ने फ़रमाया , जिसका हुक्म दिया गया उसका बजा लाना बिर , और जिससे मना फ़रमाया गया उसको छोड़ देना तक़वा , और जिसका हुक्म दिया गया उसको न करना “ इस्म ” ( गुनाह ) , और जिससे मना किया गया उसको करना उदवान ( ज़ियादती ) कहलाता है .
- मोदी हिंदुत्वा के सही परोकार हैं उन्होने सूडो सेकुलर इस्म को न केव बेना किया अपीतु बता दिया की कुशल प्रबंधन , कुशल नेत्ृतावा और कार्यकर्ताओ को सही काम देकर चुनाव कैसे जीता जा सकता हैं भाजपा और संग मिलकर उनकी योजना को स्वीकार करे तभी वेस्ट बंगाल से वामपंथियो को भगा कर भगवा पतका फेहरा सकेटा हैं,जय हिंद जय भारत
- मौला-मौला लाख पुकारे , मौला हाथ न आए लफ़्ज़ो से हम खेल रहे हैं,माना हाथ न आए जो पानी के नाम को पानी जाने,यह नादानी है पानी-पानी रटते-रटते,प्यासा ही मर जाए शोला-शोला रटते-रटते,लब पर आंच न आए इक चिंगारी लब पर रख लो,लब फ़ौरन जल जाए इस्म पे का़ने होने वाला और मुसम्मा खोने वाला काम न करने वाला मूरख बस नाम से जी बहलाए ~
- इसके बाद इन मुल्कों के बीच नफरत का ज़हर , और उसको पैदा करने वाले वे मसले जो निदान चाहते हैं , जिनकी आड़ में सामराजी आजकल फौलादी पंजे , वतने-अज़ीज़ की रगों में पैवस्त कर रहे हैं , यूं गायब हो जायेंगे जैसे देवों-परियों के किस्सों में हीरो के इस्म पढने पर दैत्य , भूत और दूसरी बलाएं पलक झपकते ग़ायब हो जाती हैं।
- गिरिराज भाई , आपका लिखा पहली बार पढ़ा , और पढ़ते पढ़ते लगन बदती गयी , शायद इसलिए की ये fiction नहीं था , इस्म ेज़िंदगी की खुशबू है , जैसा की यन्न मार्टेल ने अपनी किताब “ लाइफ ऑफ़ पी ” की preface में लिखा है की वो पूरी दुनिया में घूमते रहे , और अनगिनत किस्से सुने लेकिन उन्हें ज़िन्दगी की खुशबू नहीं मिल रही थी किसी भी किस्से में , अंततः उन्हें Pi Patel की कहानी मिली जो उन्होंने किताब के रूप में लिखी , इसी को booker prizeे भी मिला , और अब M.
- गिरिराज भाई , आपका लिखा पहली बार पढ़ा , और पढ़ते पढ़ते लगन बदती गयी , शायद इसलिए की ये fiction नहीं था , इस्म ेज़िंदगी की खुशबू है , जैसा की यन्न मार्टेल ने अपनी किताब “ लाइफ ऑफ़ पी ” की preface में लिखा है की वो पूरी दुनिया में घूमते रहे , और अनगिनत किस्से सुने लेकिन उन्हें ज़िन्दगी की खुशबू नहीं मिल रही थी किसी भी किस्से में , अंततः उन्हें Pi Patel की कहानी मिली जो उन्होंने किताब के रूप में लिखी , इसी को booker prizeे भी मिला , और अब M.