ईदुल अज़्हा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके अलावा इसमें बतौर सदक़ा व ख़ैरात जानवर क़ुरबान करना , हज के मौक़े पर मिना में और ईदुल अज़्हा के मौक़े पर क़ुरबानी करना सब शामिल हैं।
- जहाँ तक ईदुल अज़्हा का संबंध है तो आप कोई चीज़ नहीं खाते थे यहाँ तक कि नमाज़गाह से वापस आ जाते , फिर अपनी क़ुर्बानी के गोश्त से खाते थे।
- अबू सईद ने कहा : चुनाँचे लोग निरंतर इसी हालत पर बाक़ी रहे यहाँ तक कि मैं मरवान - वह मदीना का गवर्नर था - के साथ ईदुल अज़्हा या ईदुल फित्र में निकला।
- क्योंकि आइशा रज़ियल्लाहु अन्हा की हदीस में है : “ ईदुल फित्र और ईदुल अज़्हा में पहली रक्अत में सात तकबीरें हैं , और दूसरी रक्अत में पाँच तक्बीरें हैं रूकूअ की दोनों तक्बीरों को छोड़ कर।
- ईदे ग़दीर मोमिनों के लिए बहुत बड़ी ईद है बल्कि इस्लाम की सारी ईदों में सबसे सर्वश्रेष्ठ ( अफ़ज़ल ) है और अल्लाह तआला की निगाह में उसका महत्व ईदुल फ़ित्र और ईदुल अज़्हा से भी ज़्यादा है
- इसी तरह ईदुल अज़्हा में ईद की क़ुर्बानी और अरफात में ठहरने के बारे में हमारा विरोध करते हैं , और ईदुल अज़्हा के दो दिन बाद ईद करते हैं अर्थात वे अपने जानवरों की क़ुर्बानी सभी मुसलमानों के क़ुर्बानी करने के बाद करते हैं।
- इसी तरह ईदुल अज़्हा में ईद की क़ुर्बानी और अरफात में ठहरने के बारे में हमारा विरोध करते हैं , और ईदुल अज़्हा के दो दिन बाद ईद करते हैं अर्थात वे अपने जानवरों की क़ुर्बानी सभी मुसलमानों के क़ुर्बानी करने के बाद करते हैं।
- आत्म बलिदान की इस महान घटना की याद में हाजी लोग मिना में उस स्थान पर पशुओं की कुरबानी करते हैं और उसी दिन अर्थात हज के महीने की 10 तारीख़ को पूरे विश्व के मुस्लिम प्रातः ईश्वर को धन्यवाद अर्पित करने के लिए ईदुल अज़्हा की नमाज़ पढ़ते हैं और फिर कुरबानी करते हैं।
- 64 - सुबह ( फज्र ) की नमाज़ , तथा जुमुआ , ईदैन ( ईदुल फित्र और ईदुल अज़्हा ) और सलातुल इस्तिस्क़ा ( बारिश मांगने की नमाज़ ) , कुसूफ ( सूर्य या चाँद ग्रहण ) की नमाज़ और इसी प्रकार मग़रिब और इशा की पहली दो रकअतों में किराअत बुलन्द आवाज़ से करेंगे।
- ईदे ग़दीर मोमिनों के लिए बहुत बड़ी ईद है बल्कि इस्लाम की सारी ईदों में सबसे सर्वश्रेष्ठ ( अफ़ज़ल ) है और अल्लाह तआला की निगाह में उसका महत्व ईदुल फ़ित्र और ईदुल अज़्हा से भी ज़्यादा है इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैः ईदे ग़दीर मुसलमानों की सबसे महान और बड़ी ईद है और वह अठ्ठारह ज़िल्हिज्जा को है।