उदान वायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उसके अनुसार “ उदान वायु ” बोलने में सहायक होती है और वही शरीर को बल और सामर्थ्य भी प्रदान करती है।
- उदान वायु के बिगडने पर या सांस , खांसी आदि स्थितियों में रात्रि के पूर्व प्रहर में दो ग्रास के मध्य औषधी देनी चाहिए।
- उदान वायु ( H 2 ) को वायु प्रतिबन्धक वस्त्र ( गुब्बारा ) में रोका जाए तो यह विमान विद्या में काम आता है।
- शरीर को कमजोर होने से बचाने में या दिमाग के सारे छोटे-बड़े अवयवों तक खून को पहुंचाने में उदान वायु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- प्याज-लहसुन आदि निर्दिष्ट पदार्थों से अभिगर्हित वायु ( प्राण , अपान , व्यान , सामान एवं उदान वायु ) का प्रस्रवण होता है .
- सौ सेलों ) की शक्ति का पानी में प्रयोग करने पर पानी अपना रूप बदल कर प्राण वायु (ऑक्सीजन) और उदान वायु (हाइड्रोजन) में परिवर्तित हो जाएगा।
- कहते हैं सौ कुंभों की शक्ति का पानी पर प्रयोग करेंगे , तो पानी अपने रूप को बदल कर प्राण वायु ( ग्र्न्न्र्ढ़ड्ढद) तथा उदान वायु (क्तन्र्ड्डद्धदृढ़ड्ढद) में परिवर्तित हो जाएगा।
- सौ सेलों ) की शक्ति का पानी में प्रयोग करने पर पानी अपना रूप बदल कर प्राण वायु ( ऑक्सीजन ) और उदान वायु ( हाइड्रोजन ) में परिवर्तित हो जाएगा।
- अर्थात् उदान वायु ( हाइड्रोजन ) को बन्धक वस्त्र ( air tight cloth ) द्वारा निबद्ध किया जाए तो वह विमान विद्या ( aerodynamics ) के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है।
- नासिका से हृदय तक प्राण वायु , हृदय से नाभि तक समान वायु, नाभि से पैर तक अपान वायु, गर्दन से सिर तक उदान वायु व संपूर्ण शरीर में फैली है व्यान वायु।