उद्यत रहना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दोनों की सम्मति में प्रत्येक राष्ट्र को युद्ध के लिए उद्यत रहना चाहिए , क्योंकि इसी के द्वारा देश की सीमा तथा प्रभाव का विस्तार हो सकता है।
- कुछ सनातन सिद्धांत ऐसे हैं जिन पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता और मनुष्य को उन पर आचरण करते हुए अपने जीवन की बलि देने के लिए उद्यत रहना चाहिए।
- दूसरे , दार्शनिकता कभी पूर्वाग्रही नही होती , वह तो स्वामी दयानंद जी महाराज के इस आदर्श पर कार्य करती है कि सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सदा उद्यत रहना चाहिए।
- आर्यसमाज दम्भ , पंथाईपन या गुरुडम का भी विरोधी है | सत्य को ग्रहण करने और असत्य को त्यागने के लिए सर्वदा उद्यत रहना चाहिए यह आर्यसमाज का एक नियम है | किसी की बुद्धि पर ताला डालना आर्यसमाज के मनतव्यों के विरुद्ध है | मनुष्य की बुद्धि ही मनुष्य का सबसे मूल्यवान गुण है | “निर्बुद्धेस्तु कुतो बलम्” अतः मनुष्य को अपनी बुद्धि की खिड़कियां सदा खुली रखनी चाहिए और हर एक काम धर्म और अधर्म, उचित और अनुचित को विचार के करना चाहिए |
- 4 . सत्य के ग्रहण और असत्य के चोरने मे सर्वदा उद्यत रहना चाहिये . 5 . सब काम धर्मानुसार अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिये . 6 . संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्येश है अर्थात शारीरिक , आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना . 7 . सब से प्रीतिपुर्वक धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिये . 8 . अविद्या का नाश और विद्या की व्रिद्धि करनी चाहिये . 9 . प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुश्त नही रहना चाहिये .