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उपधान का अर्थ

उपधान अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. राष्ट्रसंत के करकमलों से उपधान महातप के लाभार्थी परिवार ताराचंद शंकरलाल जैन दंगवाड़ा वाला एवं आराधकों के परिजनों को मोक्ष माला , धर्मलाभ रूपी आशीर्वाद के साथ सौंपी गई।
  2. स्थान स्थान पर प्रतिष्ठाऐं , उपधान, पैदल संघ आदि धार्मिक आराधनाओं के विशिष्ट उपक्रमों के साथ साथ समाज के विकास हेतु विद्यालय, उद्योगशालओं आदि के निर्माण की प्रेरणा प्रदान की।
  3. स्थान स्थान पर प्रतिष्ठाऐं , उपधान, पैदल संघ आदि धार्मिक आराधनाओं के विशिष्ट उपक्रमों के साथ साथ समाज के विकास हेतु विद्यालय, उद्योगशालओं आदि के निर्माण की प्रेरणा प्रदान की।
  4. और स्वयं लेट गये बाणों का शयन , बाण का ही उपधान कर! व्यास कहते हैं, रहे यों ही वे पड़े विमुक्त, काल के करों से छीन मुष्टि-गत प्राण कर।
  5. बडनगर- ! - राष्ट्रसंत जयंतसेन सूरिश्वर मसा संयस्थ साधु-साध्वी मंडल की विदाई के पूर्व राजेंद्रसूरी चौक के भव्य पंडाल में उपधान महातप की मालारोहण के अवसर पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
  6. प्रथम श्रुतस्कंध के नवमें उपधान नामक अध्ययन में महावीर की उग्र तपस्या एवं लाढ़ वज्रभूमि , शुभ्रभूमि आदि स्थानो में विहार करते हुए घोर उपसर्गो के सहने का मार्मिक वर्णन है।
  7. मोक्षमाला उपरांत मंगलविहार आज- चातुर्मास समिति के मीडिया प्रभारी विजय गोखरू , राजकुमार नाहर ने बताया कि आज 20 नवंबर बुधवार को उपधान तप की मोक्ष माला के उपरांत राष्ट्रसंत का बडनगर से बदनावर की ओर मंगल विहार होगा।
  8. वज्र का उर एक छोटे अश्रु कण में धो गलाया , दे किसे जीवन-सुधा दो घूँट मदिरा माँग लाया , सो गयी आँधी मलय की वात का उपधान ले क्या ? विश्व का अभिशाप क्या फिर नींद बन कर पास आया ?
  9. महामंगलकारी उपधान तप का प्रारंभ पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . स ा . आदि विशाल साधु साध्वी मंडल की पावन निश्रा में पूजनीया बहिन म. डाँ . विद्युत्प्रभाश्रीजी म.स ा . की सत्प्रेरणा से चातुर्मास लाभार्थी श्री बाबुलालजी लूणिया एवं श्री रायचंदजी दायमा परिवार की ओर से महामंगलकारी उपधान तप का प्रारंभ भाद्रपद सुदि 14 ता .
  10. महामंगलकारी उपधान तप का प्रारंभ पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म . स ा . आदि विशाल साधु साध्वी मंडल की पावन निश्रा में पूजनीया बहिन म. डाँ . विद्युत्प्रभाश्रीजी म.स ा . की सत्प्रेरणा से चातुर्मास लाभार्थी श्री बाबुलालजी लूणिया एवं श्री रायचंदजी दायमा परिवार की ओर से महामंगलकारी उपधान तप का प्रारंभ भाद्रपद सुदि 14 ता .
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