उपपति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उपपत्नी - उपपति तो ठीक हैं , वहाँ दर्जा प्रमुख और गौण होने का है पर पत्नी और धर्म पत्नी ! यह रहस्य मैं नहीं समझ पाई आज तक
- ‘ परकीया माधुर्य-रति ' में अपनी पत्नीसे भिन्न स्त्री ( परनारी ) के सम्बन्धका और अपने पतिसे भिन्न पुरुष ( परपुरुष या उपपति ) के सम्बन्धका भाव रहता है ।
- प्रस्तुत उदाहरण में अपने उपपति के साथ सहवास के उपरान्त उत्पन्न थकान को मिटाने के लिए स्नान करने आयी हुई एक नायिका से उसकी सखी की उक्ति है , जो उसके चोरी से किए रति के रहस्य को समझ चुकी है-
- वेद में भी इस का उल्लेख हैः पिता दुहितुर्गर्भंमाधात् - अथर्व 9 , 10 ,12 अर्थात पिता ने बेटी में गर्भ धारण किया ? मातुर्दिधिषुमब्रवं स्वसुर्जारः श्रृणोतु नः भातेंद्रस्य सखा मम . - ऋग्वेद 6,55 ,5 अर्थात मैं मां के उपपति को कहता हूं .
- उपपत्नी का संबंध चाहे जितने दीर्घकाल तक क्यों न रहा हो उसे अपने उपपति से पोषण पाने का कोई अधिकार नहीं है किंतु यदि वह मृत्यु पर्यंत उपपति के साथ धर्मपूर्वक रही हो तो उसे अपने उपपति की संपत्ति द्वारा पोषण पाने का अधिकार है।
- उपपत्नी का संबंध चाहे जितने दीर्घकाल तक क्यों न रहा हो उसे अपने उपपति से पोषण पाने का कोई अधिकार नहीं है किंतु यदि वह मृत्यु पर्यंत उपपति के साथ धर्मपूर्वक रही हो तो उसे अपने उपपति की संपत्ति द्वारा पोषण पाने का अधिकार है।
- उपपत्नी का संबंध चाहे जितने दीर्घकाल तक क्यों न रहा हो उसे अपने उपपति से पोषण पाने का कोई अधिकार नहीं है किंतु यदि वह मृत्यु पर्यंत उपपति के साथ धर्मपूर्वक रही हो तो उसे अपने उपपति की संपत्ति द्वारा पोषण पाने का अधिकार है।
- उपपत्नी का संबंध चाहे जितने दीर्घकाल तक क्यों न रहा हो उसे अपने उपपति से पोषण पाने का कोई अधिकार नहीं है किंतु यदि वह मृत्यु पर्यंत उपपति के साथ धर्मपूर्वक रही हो तो उसे अपने उपपति की संपत्ति द्वारा पोषण पाने का अधिकार है।
- उपपत्नी का संबंध चाहे जितने दीर्घकाल तक क्यों न रहा हो उसे अपने उपपति से पोषण पाने का कोई अधिकार नहीं है किंतु यदि वह मृत्यु पर्यंत उपपति के साथ धर्मपूर्वक रही हो तो उसे अपने उपपति की संपत्ति द्वारा पोषण पाने का अधिकार है।
- उपपत्नी का संबंध चाहे जितने दीर्घकाल तक क्यों न रहा हो उसे अपने उपपति से पोषण पाने का कोई अधिकार नहीं है किंतु यदि वह मृत्यु पर्यंत उपपति के साथ धर्मपूर्वक रही हो तो उसे अपने उपपति की संपत्ति द्वारा पोषण पाने का अधिकार है।