उपासनीय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस आलम्बन को जान कर साधक परब्रह्म में स्थित होकर महिमान्वित होता है तथा अपरब्रह्म में ब्रह्मत्व को प्राप्त होकर ब्रह्म के समान उपासनीय होता है .
- हम अपनी टिप्पणी में कह रहे हैं कि एक सृष्टा ही हमारा पूजनीय-वंदनीय और उपासनीय है , फिर आप इसके विपरीत क्यों समझ और समझा रहे हैं ?
- -वही , पृष्ठ 69 अर्थात जो सविता देव आप आप परमेष्वर हैं , हमारी बुद्धियों को प्रेरित करें , वह आप ही हमारे पूज्य , उपासनीय इश्टदेव बनें।
- -वही , पृष्ठ 69 अर्थात जो सविता देव आप आप परमेष्वर हैं , हमारी बुद्धियों को प्रेरित करें , वह आप ही हमारे पूज्य , उपासनीय इश्टदेव बनें।
- नाम की समानता के बावजूद हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ईश्वर का नाम भी शिव है और प्रथम ऋषि का भी लेकिन इसके बावजूद ईश्वर उपासनीय है और ऋषि उपासक है .
- उनका कर्तव्य है कि वे लोगों को बताएं कि राम-रहीम एक ही मालिक के नाम हैं और यह कि रामचन्द्र जी जीवन भर उपासना करते रहे , वे उपासक थे , उपासनीय नहीं हैं।
- उनका कर्तव्य है कि वे लोगों को बताएं कि राम-रहीम एक ही मालिक के नाम हैं और यह कि रामचन्द्र जी जीवन भर उपासना करते रहे , वे उपासक थे , उपासनीय नहीं हैं।
- ब्रह्म निर्विकार है , अचिन्त्य है , बुद्धि से परे है , साक्षी रूप है , परन्तु अपनी क्रियाशील चेतना शक्ति रूप होने के कारण उपासनीय है और उस उपासना का अभीष्ट परिणाम भी प्राप्त होता है।
- इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने उससे पूछा कि वे किसकी उपासना करते थे ? वह निरुत्तर हो कर चुप हो गया क्योंकि वह समझ गया था कि इमाम के कहने का उद्देश्य यह है कि उपासक कभी उपासनीय नहीं हो सकता।
- मन्त्रार्थ- हे सर्वरक्षक परमेश्वर आप सर्वव्यापक , सर्वप्रकाशस्वरूप एवं प्रकाशक, उपासकों द्वारा रसनीय, आस्वादनीय, आनन्द हेतु उपासनीय, नाशरिहत, अखण्ड, अजरअमर, सबसे महान, प्राणाधार और सतस्वरूप, दुखों को दूर करने वाले और चितस्वरूप, सुखस्वरूप एवं सुखप्रदाता और आनन्दस्वरूप, सबके रक्षा करनेवाले हैं।