उबकाई आना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पेट की कमजोरीः पके फालसे के रस में गुलाबजल तथा शक्कर मिलाकर रोज पीने से पेट की कमजोरी दूर होती है और उलटी , उदरशूल , उबकाई आना आदि तकलीफें दूर होती हैं व रक्तदोष भी मिटता है।
- पेट की कमजोरीः पके फालसे के रस में गुलाबजल तथा शक्कर मिलाकर रोज पीने से पेट की कमजोरी दूर होती है और उलटी , उदरशूल , उबकाई आना आदि तकलीफें दूर होती हैं व रक्तदोष भी मिटता है।
- पूजा का आसन [ बाहर] निकालना दुलाई गद्दी डींग मारना आगे बढना झलक बाधा चुसनी धक से रह जाना बम से उड़ा देना फूला हुआ गद्देदार आसनी एक छोटा श्वास उबकाई आना झुँझलाना गद्देदार चौकी हवा का झोंका फुलना फुलाना
- पेट में मरोड़ , खींचन , कब्ज बनना , बार-बार पाखाना आना लेकिन दस्त साफ न होना , मलद्वार से वायु निकलना , उल्टी आना , उबकाई आना , पेट कड़ा हो जाना , डकारें आना आदि लक्षण रोगी में दिखाई पड़ते हैं।
- पेट में मरोड़ , खींचन , कब्ज बनना , बार-बार पाखाना आना लेकिन दस्त साफ न होना , मलद्वार से वायु निकलना , उल्टी आना , उबकाई आना , पेट कड़ा हो जाना , डकारें आना आदि लक्षण रोगी में दिखाई पड़ते हैं।
- ग्रिण्डेलिया औषधि पेट में होने वाले जख्मों , जी मिचलाना और उबकाई आना , पेशाब के साथ मीठा आना ( मधुमेह ) , आग से जल जाने के कारण होने वाले छाले , योनि से स्राव के आने में आदि रोगों में लाभ करती है।
- ऐसे में दस्त बंद होने के साथ यदि अन्य लक्षण उत्पन्न होते है जैसे- जी मिचलाना , उबकाई आना , चेहरा पीला पड़ जाना , पूरे शरीर में पसीना आना , पेट के अतिरिक्त पूरे शरीर में ठण्ड महसूस होना , नाड़ी ( नब्ज ) कमजोर हो जाना तथा नाड़ी रूक-रूककर चलना आदि हैजा के बाद उत्पन्न लक्षणों में टाबैकम औषधि का प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है।
- ऐसे में दस्त बंद होने के साथ यदि अन्य लक्षण उत्पन्न होते है जैसे- जी मिचलाना , उबकाई आना , चेहरा पीला पड़ जाना , पूरे शरीर में पसीना आना , पेट के अतिरिक्त पूरे शरीर में ठण्ड महसूस होना , नाड़ी ( नब्ज ) कमजोर हो जाना तथा नाड़ी रूक-रूककर चलना आदि हैजा के बाद उत्पन्न लक्षणों में टाबैकम औषधि का प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है।
- आमाशय से सम्बंधित लक्षण - मुंह का स्वाद हमेशा कड़वा सा लगना , भूख का कम लगना , जीभ का मैला सा लगना , जी मिचलाना , उबकाई आना , उल्टी होना , प्लीहा के पास के हिस्से में किसी चीज के चुभने जैसा दर्द होना , पित्त की थैली में पथरी के साथ जिगर का बढ़ना आदि आमाशय के रोगों के लक्षणो में रोगी को कार्डूअस मेरियेनस औषधि देने से लाभ होता है।
- आमाशय से सम्बंधित लक्षण - मुंह का स्वाद हमेशा कड़वा सा लगना , भूख का कम लगना , जीभ का मैला सा लगना , जी मिचलाना , उबकाई आना , उल्टी होना , प्लीहा के पास के हिस्से में किसी चीज के चुभने जैसा दर्द होना , पित्त की थैली में पथरी के साथ जिगर का बढ़ना आदि आमाशय के रोगों के लक्षणो में रोगी को कार्डूअस मेरियेनस औषधि देने से लाभ होता है।