ऋषि ऋण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ऋषि ऋण यानि गुरु या संत महात्माओं का ऋण भगवत प्राप्ति से चुकता होता है .
- मनुष्य तीन ऋणों को लेकर जन्म लेता है - देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
- मनुष्य तीन ऋणों को लेकर जन्म लेता है - देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
- हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार मनुष्य तीन ऋण लेकर पैदा होता है - ऋषि ऋण , देवऋण तथा पितृऋण।
- मनुष्य तीन ऋणों को लेकर जन्म लेता है - देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
- मनुष्य तीन ऋणों को लेकर जन्म लेता है - देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
- शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋण कहे गये हैं- देव ऋण , ऋषि ऋण व पितृ ऋण।
- शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋण कहे गये हैं- देव ऋण , ऋषि ऋण व पितृ ऋण।
- मनुष्य जन्म से ही तीन ऋणों से बंधकर जन्म लेता है- देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
- मनुष्य जन्म से ही तीन ऋणों से बंधकर जन्म लेता है- देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।