कंठ्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसमें कई विशेष कंठ से निकली ध्वनियाँ ( ग्रसनी तथा युवुला जनित ) और कंठ्य व्यंजन ( जिनका उच्चारण एक साथ ग्रसनी के संकुचन और जीभ के पिछले हिस्से को उठाकर होता है ) हैं।
- ये ध्वनियां हैं - फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ्/,ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है /ॅ/ और कंठ्य ध्वनियां ख़ /द्/ अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
- ये ध्वनियां हैं - फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ्/,ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है /ॅ/ और कंठ्य ध्वनियां ख़ /द्/ अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
- ये ध्वनियां हैं - फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ्/,ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है /ॅ/ और कंठ्य ध्वनियां ख़ /द्/ अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
- ये ध्वनियां हैं - फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ्/,ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है /ॅ/ और कंठ्य ध्वनियां ख़ /द्/ अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
- प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “न” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म , न,ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।
- प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “न” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म , न,ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।
- [ यहाँ ' ट ' भी बोला जाना मुश्किल है , क्योंकि यह भी ' कंठ्य ' की भाँति ही ' मूर्धन्य ' स्थान वाला है ] २ ] ' ख ' का प्रयोग - आप ज़रा बात थोलकर बता ओ.
- [ यहाँ ' ट ' भी बोला जाना मुश्किल है , क्योंकि यह भी ' कंठ्य ' की भाँति ही ' मूर्धन्य ' स्थान वाला है ] २ ] ' ख ' का प्रयोग - आप ज़रा बात थोलकर बता ओ.
- प्रकार्य की दृष्टि से देखा जाए तो अ एवं ञ्अ कंठ्य एवं तालव्य नासिक्य व्यंजन केवल “ न ” नासिक्य के उपस्वनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं जबकि म , न , ण का स्वतंत्र स्वनिमों के रूप में प्रयोग होता है।