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कठिनाई होना का अर्थ

कठिनाई होना अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. यह औषधि मूत्राशय की जलन , पेशाब करने में कठिनाई होना ( मूत्रकृच्छ ) , मूत्राशय की सूजन तथा सुजाक आदि मूत्राशय से सम्बंधित लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
  2. शौच जाने की संख्या में कमी जिसके साथ शौच करने में अधिक समय लगना तथा उसमें कठिनाई होना , अथवा पूरी तरह से शौच न कर पाने का अहसास होना , इन सभी को कब्ज कहा जाता है।
  3. चरित्र के प्रारंभिक लक्षण- निराधार , अत्यधिक अंतर होना, दिशाहीन, अस्पष्ट, धुंधला व्यक्तित्व, अपराध बोध होना, 'न' कहने में कठिनाई होना, हतोत्साहित, स्वयं पर दया करना, पलायन करने की इच्छा करना, भोला-भाला, अत्यधिक संवेदनशील, अवचनबद्ध, अनाक्रामक, चापलूस, कट्टर विश्वास होना,व्यसनी।
  4. यदि आप एक नया माँ हैं , और आपमें पोस्टपार्टम अवसाद के किसी भी प्रकार के लक्षण है, जैसे विशेष रूप से चिंता, उदासी या गहन निराशा कि भावनाएं मन मे बारबार बेवजह आना, नींद आने मे कठिनाई होना, अगर आपके ....
  5. 3 . उर्ध्व श्वासः- ऊपर को वेग से श्वास का खिचना , नीचे की और लौटते समय कठिनाई होना , नाड़ी स्रोतों का कफ से भर जाना , ऊपर की ओर दृष्टि का रहना , घवराहट से इधर उधर देखना तथा नीचे की ओर तथा नीचे की और श्वासअवरोध के साथ मूर्छा का होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
  6. 4 . महाश्वासः- जिसका वायु ऊपर को अधिक खिचा सा रहना , खाँसने में अधिक कष्ट , उच्च श्वास , व ज्ञान या संज्ञा शून्य स्थिति में पहुँच जाना , मुख व नेत्रो का खुला रहना , मलावरोध होना , बोलने में कठिनाई होना तथा श्वास के साथ घर्र- 2 का शब्द दूर से दिखाई देना आदि लक्षण महाश्वास के हैं।
  7. दुष्प्रभाव- खाद्य पदार्थो में मोनोसोडीयम ग्लूटामेट ( सएसजी ) के अत्यधिक प्रयोग से मस्तिष्क क्षति व ट्युमर , एलर्जी , शरीर पर लाल चकते होना , दमा के दौरे , सीने में जलन व दर्द , गर्मी , हाथ पैरो में झुनझुनी व जकडन , सिरदर्द , मतली सांस लेने में कठिनाई होना , कमजोरी आना आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
  8. 1 . एनिमिया ( शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी ) . 2 . संक्रमण बढ़ना 3 . पीलिया . 4 . स्ट्रो क. 5 . पथरी होना . 6 . शरीर में दर्द बना रहना . 7 . फेफड़ों में रुकावट पैदा होना . 8 . रस्र ' ीील्ल अल्ल िछ्र ५ ी १ में रक्त के प्रवाह में रुकावट पैदा होना . 9 . पुरुषों में लिंग के निर्माण को बनाए रखने में कठिनाई होना .
  9. प्रश्न फल कथन के आरूढ़ लग्न निर्धारण की ( दिशाओं के लग्न वाली ) यह पद्धति जिसे पृच्छकों की गोल मेज परिषद् वाली पद्धति कह सकते हैं , वर्तमान में नानाविध कठिनाइयों के कारण , जैसे दिशा निर्धारण में भूल हो जाने की आशंका , दैवज्ञ के चारों ओर बैठे हुए पृच्छकों की ओर घूम-घूमकर उŸार देने में कठिनाई होना , साथ ही अब प्रश्नकर्ता और उŸारदाता का ठीक आमने-सामने बैठने का स्थान निश्चित होना आदि , प्रचलन में नहीं है।
  10. यदि माँ को - नींद न आना , रोना आना या उदासी का पूरे दिन बने रहना , किसी भी गतिविधि में मन ना लगना , ध्यान एकाग्र करने में कठिनाई होना , भूख न लगना , चिन्ता , अत्याधिक अपराध भावना होना , या आकस्मिक दौरा पड़ने के लक्षण ( जैसे दिल की धड़कन तेज़ होना , चक्कर आना , घबराहट , कुछ बुरा होने का एहसास ) दिखें या आत्महत्या का विचार आए तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से सम्पर्क करना चाहिये।
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