कब-तक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मगर कब-तक ! यह फरेब , यह झूठ और दिखावे का रहन-सहन कब तक ! क्या मिलता है इससे ! नौजवानों में असमर्थ चीज जो स्वास्थ्य , सेहत , पढ़ाई , उमंग और जोश जो दिखनी चाहिए वह सिर्फ , प्रदर्षन में जाया हो रही है।
- कब-तक अपने काले- धनों को … चंदा , दिखाकर ये नेता धन-उगाही के , अपने काले-कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास करेंगे ? जनता के प्रति सीधे जिम्मेदारी से ये कब-तक बचते रहेंगे ? राजनीति की आड़ में अपने घिनौने रूप को कब-तक जनता के सामने आने से छुपायेंगे ? अब समय आ गया है कि जनता इनको नंगा कर सकेगी .
- कब-तक अपने काले- धनों को … चंदा , दिखाकर ये नेता धन-उगाही के , अपने काले-कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास करेंगे ? जनता के प्रति सीधे जिम्मेदारी से ये कब-तक बचते रहेंगे ? राजनीति की आड़ में अपने घिनौने रूप को कब-तक जनता के सामने आने से छुपायेंगे ? अब समय आ गया है कि जनता इनको नंगा कर सकेगी .
- कब-तक अपने काले- धनों को … चंदा , दिखाकर ये नेता धन-उगाही के , अपने काले-कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास करेंगे ? जनता के प्रति सीधे जिम्मेदारी से ये कब-तक बचते रहेंगे ? राजनीति की आड़ में अपने घिनौने रूप को कब-तक जनता के सामने आने से छुपायेंगे ? अब समय आ गया है कि जनता इनको नंगा कर सकेगी .
- आखिर कब-तक ? क्या कभी भारत की जनता देश के विकसित होने के लिए वोट करेगी ? जागो जनमानस जागो ? चलो मैं अपने विषय पर आता हूं और ज्योतिषीय विवेचन के आधार पर पता लगाता हूॅ कि राजस्थान में अशोक गहलोत सत्ता पर दूसरी बार काबिज होंगे या फिर भाजपा की पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे के हाथों में सत्ता की चाबी आयेगी ?
- यदि हिन्दू समाज नहीं चेता तो पुनः देश बिभाजन की तरफ बढ़ रहा है नेताओ को देश से कोई मतलब नहीं है यहाँ तक की बीजेपी के नेता भी जो मुसलमान हिन्दू लडकियों को भगाकर बिबाह कर लेते है उन्हें ही इनाम के तौर पर संसद और मंत्री बनाते है इस नाते समाज , राष्ट्र को एक साथ खड़ा होना होगा तभी देश बचेगा नहीं तो हम कब-तक देश का बिभाजन सहते रहेगे.
- यदि हिन्दू समाज नहीं चेता तो पुनः देश बिभाजन की तरफ बढ़ रहा है नेताओ को देश से कोई मतलब नहीं है यहाँ तक की बीजेपी के नेता भी जो मुसलमान हिन्दू लडकियों को भगाकर बिबाह कर लेते है उन्हें ही इनाम के तौर पर संसद और मंत्री बनाते है इस नाते समाज , राष्ट्र को एक साथ खड़ा होना होगा तभी देश बचेगा नहीं तो हम कब-तक देश का बिभाजन सहते रहेगे .
- आज रक्षाबंधन क़ा त्यौहार बड़े ही धूम- धाम से मनाया जा रहा है आखिर ये रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है कभी धरातल पर हमने बिचार किया -करते भी है तो कितना और कब-तक कभी-कभी तो लगता है की ये सभी बाते फिजूल की है लेकिन ऐसा नहीं है जो समाज अपनी संस्कृति व अपना इतिहास भूल जाता है वह समाज समाप्त हो जाता है जैसे यूनान , मिश्र इत्यादि सनाकृति व देश समाप्त हो गए .
- आज अपने ही घर में हिन्दू बेघर जैसा लग रहा है जगह -जगह इस्लाम के नाम पर दुर्गा पूजा नहीं हो पा रही है , सरस्वती जी की मूर्तियों पर हमला हो रहा है, लव जेहाद कर हिन्दुओ की एक लाख लडकियों को भागकर मुसलमान इस्लाम की सेवा कर रहा है, मुस्लिम मुहल्लों में शंख, घंटा घरियार बजाना बंद हो गया है, हिन्दू अपने ही घर में गुलामी का जीवन ब्यतीत करने को मजबूर हो रहा है आखिर ये सब कब-तक ?
- जानकार भी अनजान है | क्या था तू और क्या बन गया , ये तो तू नही था , जो बनने चला था | आखिर कब-तक ? वही कल देखेगा , जो वक्त के साथ पीछे रहना था | वक्त के साथ , तू बदल गया , पर नतीजे क्यूँ नही बदले ? अभी भी कही बाकी है कुछ , जिसे एक मौके की तलाश है | उसको पहचान जो तुझे , खिंचता है उस राह से अलग , जिसके लि ए. ...