करक चतुर्थी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- ' मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।
- करवा चौथ व्रतोत्सव ( मंगलवार, 22 अक्टूबर) कार्तिक माह की कृष्ण चन्द्रोदयव्यापिनी चतुर्थी के दिन किया जाने वाला करक चतुर्थी व्रत स्त्रियां अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखती हैं।
- करक में साक्षात देव चन्द्र को अर्घ्य देने के लिए निहित जल रखने के कारण आम जनता इसे करक चतुर्थी या करवा चौथ के नाम से पुकारती है .
- व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें- ' मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।' पूरे दिन निर्जल रहें।
- यहां हम कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किये जाने वाले व्रत करक चतुर्थी यानी करवा चथ ( Karak Chaturthi Karvachauth ) की मान्यता और पूजा के विषय में बात कर रहे हैं .
- पूर्णिमा व्रत , संकष्ट चतुर्थी व्रत , करक चतुर्थी व्रत आदि का निर्णय चन्द्रोदय कालीन तिथि ( पूर्णिमा व चतुर्थी ) और शिव प्रदोष का निर्णय प्रदोषकालीन ( संध्याकालीन ) त्रयोदशी के आधार पर किया जाता है।
- पूर्णिमा व्रत , संकष्ट चतुर्थी व्रत , करक चतुर्थी व्रत आदि का निर्णय चन्द्रोदय कालीन तिथि ( पूर्णिमा व चतुर्थी ) और शिव प्रदोष का निर्णय प्रदोषकालीन ( संध्याकालीन ) त्रयोदशी के आधार पर किया जाता है।
- शिमला 21 अक्तूबर न्यूजआजः सुहागिन स्त्रियां द्वारा पति की दीर्घायु एवं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार “ करवाचौथ या करक चतुर्थी ” कल पूरे प्रदेश में मनाया जायेगा।