कर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह घोर कर्म है और अत्यंत निन्दनीय है .
- हमारे भाव , विचार और कर्म सभी मूर्छित हैं.
- प्रत्येक मनुष्य अपने-अपने विहित कर्त्तव्य कर्म का भगवत्प्रीत्यर्थ
- कर्म ही पूजा है . .. और मैं ...
- फिर भी कर्म किये जाना अपना कर्त्तव्य है।
- मनुष्य अपने कर्म के अनुसार फल भोगता है।
- हमारे ही पहले के कर्म खराब थे ।
- समृद्धि भाग्य या कर्म का लक्ष्य नहीं है।
- कर्म वेद ( जैसे ज्ञानभण्डार) से ही मालूम होते
- उसके बाद ही आगे का कर्म होता है।