कलकल ध्वनि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जब वह रुका तब न किसी के पीछा करने की आवाज थी , न मुर्गों की बांग, केवल जंगल के मध्य पानी की स्पष्ट कलकल ध्वनि थी और कभी-कभी उल्लू चीख उठता था।
- जब वह रुका तब न किसी के पीछा करने की आवाज थी , न मुर्गों की बांग , केवल जंगल के मध्य पानी की स्पष्ट कलकल ध्वनि थी और कभी-कभी उल्लू चीख उठता था।
- पहाड़ों से नीचे आने पर जब वे मैदानों में बहती हैं तो उनकी गति क्षीण ज़रूर हो जाती है मगर छोटी चट्टानों , कंकर पत्थरों से संघर्ष तब भी जारी रहता है जिससे कलकल ध्वनि पैदा होती है।
- पहाड़ों से नीचे आने पर जब वे मैदानों में बहती हैं तो उनकी गति क्षीण ज़रूर हो जाती है मगर छोटी चट्टानों , कंकर पत्थरों से संघर्ष तब भी जारी रहता है जिससे कलकल ध्वनि पैदा होती है।
- इसी प्रकार भारतीय साहित्य में चंद्रबरदाई से लेकर तुलसीदास , सूरदास , रसखान , रहीमदास व आधुनिक काल में भारतेन्दु हरिश्चंद्र , सुमित्रानंदन पंत आदि अधिकतर साहित्यकारों की रचनाओं में कहीं न कहीं गंगा की कलकल ध्वनि गूँजती है।
- आसमां के पार भी एक जहां है जहां नही है प्रेम पर पहरेदारी उन्मुक्त पवन है चलती किसी ने नहीं किया है प्रदूषित अपने उत्पाद से स्वच्छा नदियाँ हिलोरें मारती , कलकल ध्वनि से मुखरित सदा बहती किसी ने बांधा नहीं
- आसमां के पार भी एक जहां है जहां नही है प्रेम पर पहरेदारी उन्मुक्त पवन है चलती किसी ने नहीं किया है प्रदूषित अपने उत्पाद से स्वच्छा नदियाँ हिलोरें मारती , कलकल ध्वनि से मुखरित सदा बहती किसी ने बांधा नहीं
- बहती नदी की कलकल ध्वनि की तरह सहज स्वरों में गाने वाली एमएस सुब्बलक्ष्मी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की गंभीरता में अपनी भक्तिमय भावनाओं को मिलाकर एक ऐसी मधुरता पैदा की जो आज भी श्रोताओं को आनंद से सराबोर कर देती है।
- बहती नदी की कलकल ध्वनि की तरह सहज स्वरों में गाने वाली एमएस सुब्बलक्ष्मी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की गंभीरता में अपनी भक्तिमय भावनाओं को मिलाकर एक ऐसी मधुरता पैदा की जो आज भी श्रोताओं को आनंद से सराबोर कर देती है।
- गान के अंतिम भाग में नदी अपने निषाद-शिशु की बात सुनकर भरमुँह अर्थात् मुक्तकंठ कलकल ध्वनि से आशीर्वाद देती है : '' ओ निषाद , जैसे मेरे जल को कोई काटकर दो टुकड़े नहीं कर सकता वैसे ही तू भी अखंड-अच्छेद्य है।