काकड़ासिंगी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लौंग , त्रिगुणा , नागरमोथा काकड़ासिंगी , बहेड़ा और रीगणी बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और यह ग्वारपाठे के रस में मिलाकर चने के आकार की गोलियां बना लें।
- बच्चों को जब श्वास ( सांस का रोग ) या दमा हो जाए या पसली चलने लगे तो मूली के बीज और काकड़ासिंगी को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें।
- काकड़ासिंगी , अतीस और मुलहठी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर 1 से 3 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 - 4 बार चाटने से खांसी से छुटकारा मिल जाता है।
- 25 - 25 ग्राम मुलहठी , काकड़ासिंगी और वंशलोचन , छोटी पीपल , लौंग , छोटी इलायची , 10 ग्राम कालीमिर्च और 8 ग्राम यवाक्षार सभी को एक साथ पीस-छानकर चूर्ण बना लें।
- 25 - 25 ग्राम मुलहठी , काकड़ासिंगी और वंशलोचन , छोटी पीपल , लौंग , छोटी इलायची , 10 ग्राम कालीमिर्च और 8 ग्राम यवाक्षार सभी को एक साथ पीस-छानकर चूर्ण बना लें।
- दमा की शिकायत होने पर काकड़ासिंगी की मींगी और कायफल के चूर्ण को मिलाकर 1 - 1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2 बार खाने से दमा में आराम मिलता है।
- कालीमिर्च , काकड़ासिंगी सोंठ , पीपल , नागरमोथा व कचूर इन सभी को 10 - 10 ग्राम की मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 2 चुटकी की मात्रा में प्रतिदिन शहद के साथ खाएं।
- कालीमिर्च , काकड़ासिंगी सोंठ , पीपल , नागरमोथा व कचूर इन सभी को 10 - 10 ग्राम की मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 2 चुटकी की मात्रा में प्रतिदिन शहद के साथ खाएं।
- अड़ूसा के सूखे हुए पत्तों को जलाकर राख बना लें और इस 50 ग्राम राख में मुलहठी का चूर्ण 50 ग्राम , काकड़ासिंगी , कुलिंजन और नागरमोथा 10 - 10 ग्राम खरल करके एक साथ मिलाकर रख लें।
- अड़ूसा के सूखे हुए पत्तों को जलाकर राख बना लें और इस 50 ग्राम राख में मुलहठी का चूर्ण 50 ग्राम , काकड़ासिंगी , कुलिंजन और नागरमोथा 10 - 10 ग्राम खरल करके एक साथ मिलाकर रख लें।