कायफल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दमा रोग से पीड़ित रोगी को सोंठ और कायफल के चूर्ण का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन 2 - 3 बार सेवन करना चाहिए।
- कायफल , पुष्करमूल , काकड़ासिंगी , नागरमोथा , सोंठ , कालीमिर्च , छोटी पीपल और कचूर बराबर मात्रा में छानकर रख लें।
- कायफल के पेड़ की छाल के रस में चीनी मिलाकर श्वांस रोग से पीड़ित रोगी को पिलाने से रोग में आराम मिलता है।
- गलगण्ड या कण्ठमाला : कायफल को बारीक पीसकर तथा गोमूत्र में मिलाकर लेप करने से प्रत्येक प्रकार की कण्ठमाला ठीक हो जाती है।
- गलगण्ड या कण्ठमाला : कायफल को बारीक पीसकर तथा गोमूत्र में मिलाकर लेप करने से प्रत्येक प्रकार की कण्ठमाला ठीक हो जाती है।
- कायफल ( सं . ) [ सं-पु . ] 1 . एक प्रसिद्ध वृक्ष जिसकी मटमैली भूरी छाल औषधि बनाने के काम आती है 2 .
- कायफल के द्वारा शुद्ध तेल की मालिश करने से स्तनों की चूंची यानी घुण्डी पर कटने या फटने के कारण होने वाला जख्म ठीक होने लगता है।
- दमा की शिकायत होने पर काकड़ासिंगी की मींगी और कायफल के चूर्ण को मिलाकर 1 - 1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2 बार खाने से दमा में आराम मिलता है।
- यदि गर्भाशय में कीडे़ पड़ गये हों तो हरड़ , बहेड़ा , और कायफल , तीनों को साबुन के पानी के साथ सिल पर महीन पीस लें , फिर उसमें रूई का फोहा भिगोकर तीन दिनों तक योनि में रखना चाहिए।
- इसके बनाने मे केवल चार आयुर्वेदिक द्रव्यों का उपयोग करते है / ये चार द्रव्य हैं , कायफल और पोहकर मूल और काकड़ा सिन्गी और पीपल / इन्हे पहले लोहे के खरल में डालकर छोटे छोटे टुकड़े कर ले, फिर मिक्सी में या खरल में डालकर महीन चूर्ण बना लें /