कुपथ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दिनकर की कविता याद है आपको . ..कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो पथ निर्देशक वह है ।
- ` मानस ` के कििष्कंधाकांड में स्वयं राम कहते हैं - कुपथ निवारि सुपंथ चलावा।
- जब भी हम कुपथ को छोड़कर सुपथ पर लौट आयें , वह दिन अच्छा ही होगा।
- अपने हित अहित का विचार न करते हुये जो नित्य ही कुपथ पर जा रहा है ।
- मैं सत्पथ पर रहूँगी , या कुपथ पर चलूँगी , यह जिम्मेवारी भी अपने ही सिर लेना चाहती हूँ।
- भाइयों का हिस्सा दबाकर हाथ में चार पैसे हो गये , तो अब कुपथ के सिवा और क्या सूझेगी।
- यानी किसी भी कुपथ , खराब रास्ते पर , नहीं जाता यदि धर्म के बंधन से विलग नहीं हैं।
- कुपथ कुपथ जो रथ दौडाता पथ निर्देशक वह है , लाज लजाती जिसकी कृति से नीति उपदेशक वह है.... ।
- कुपथ कुपथ जो रथ दौडाता पथ निर्देशक वह है , लाज लजाती जिसकी कृति से नीति उपदेशक वह है.... ।
- सोचा कभी तो हिलोगे तुम अपनी गद्दियों से कभी तो डुलोगे अपने कुपथ से झाँकोगे दांये-बांये आखिर कभी तो