कुलक्षण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- विदेशियों के आर्यावर्त में राज्य होने के कारण आपस की फूट , मतभेद , ब्रह्मचर्य का सेवन न करना , विधान पढना-पढाना व बाल्यावस्था में अस्वयंवरविवाह , विषयासक्ति , मिथ्या भाषावादि , कुलक्षण , वेद-विद्या का प्रचार आदि कुकर्म हैं , जब आपस में भाई-भाई लडते हैं , और तभी तीसरा विदेशी आकर पंच बन बैठता है।
- विदेशियों के आर्यावर्त में राज्य होने के कारण आपस की फूट , मतभेद , ब्रह्मचर्य का सेवन न करना , विधान पढना-पढाना व बाल्यावस्था में अस्वयंवरविवाह , विषयासक्ति , मिथ्या भाषावादि , कुलक्षण , वेद-विद्या का प्रचार आदि कुकर्म हैं , जब आपस में भाई-भाई लडते हैं , और तभी तीसरा विदेशी आकर पंच बन बैठता है।
- निस्संदेह ऐसी संकेतावलियों में हर युग और सभ्यता अपनी नैतिक अवनति और दुरावस्था का प्रतीकभास देखते आये हैं और भले ही मानव-जाति या सृष्टि का अंत अभी न हुआ हो , महर्षि वेदव्यास विरचित ' महाभारत ' में वर्णित दुर्दांत अपशकुन , दु : स्वप्न और कुलक्षण इस इक्कीसवीं सदी में अधिक प्रासंगिक , आसन्न और अवश्यंभावी प्रतीत हो रहे हैं .
- लिव इन हो या विवाह - क्या स्त्री को इस तरह की वाहियात शर्तो पर परखना कभी बन्द नही होगा ? व्यक्तिगत पसन्द और व्यक्तिगत उसूल नाम की कोई चीज़ क्यों स्त्री के लिए मानी नही जाती ?मन्दिर न जाना या करवा चौथ न करना या सिन्दूर न लगाना या प्रेम को बिना सम्बन्ध का नाम दिये जीना ...छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात जो स्त्री अपनी मर्ज़ी और पसन्द से करें उसे ही कुलक्षण की संज्ञा मिल जाती है ।