कूकना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ध्यान रहे , पक्षियों का अलग अलग अवसरों पर घरों की मुंडेर , पेड़ों पर बैठना , कूकना आदि विभिन्न संस्कृतियों में प्राचीनकाल से ही शगुन-विचार के दायरे में आता रहा है।
- युवा लड़की भी चाहती है तितलियों की तरह उडना कोयल की तरह कूकना झरने की तरह बहना पर घर से गंतव्य तक नजरे झुकाए रास्ते पर चलती है युवा लड़की नेत्र रहकर भी नेत्रहीन हो जाती है , युवा लड़की.
- इसकी मीठी आवाज को सुनकर सभी का मन बेहद पंसद आती हैं लेकिन क्या आप जानते है की कोयल की कूक सुनने में अच्छी तो लगती ही है मगर इसका कूकना घर में धन और समृद्धि को लाता हैं।
- युवा लड़की भी चाहती है तितलियों की तरह उडना कोयल की तरह कूकना झरने की तरह बहना पर घर से गंतव्य तक नजरे झुकाए रास्ते पर चलती है युवा लड़की नेत्र रहकर भी नेत्रहीन हो जाती है , युवा लड़की .
- वह चाहरदीवारी के भीतर जन्म से ही कैद बारह सालों के जुड़वाँ अशोक के पेड़ों का बारिश में लहलहाना भी नहीं रोक पाता है या बसंत में अशोक की फुनगियों पर जंगल , पहाड़, नदी, गांव और शहर की सैर कर आई कोयल का कूकना भी।
- वह चाहरदीवारी के भीतर जन्म से ही कैद बारह सालों के जुड़वाँ अशोक के पेड़ों का बारिश में लहलहाना भी नहीं रोक पाता है या बसंत में अशोक की फुनगियों पर जंगल , पहाड़, नदी, गांव और शहर की सैर कर आई कोयल का कूकना भी।
- वह चहारदीवारी के भीतर जन्म से ही कैद बारह सालों के जुड़वाँ अशोक के पेड़ों का बारिश में लहलहाना भी नहीं रोक पाता है या बसंत में अशोक की फुनगियों पर जंगल , पहाड़ , नदी , गाँव और शहर की सैर कर आई कोयल का कूकना भी।
- इस मौके पर कृष्ण कुमार सरपंच , रामजी लाल मांडा , हरि सिंह कड़वासरा , राम स्वरूप बाना , श्रवण कुमार मांडा , कृष्ण कुमार पूर्व सरपंच , रमेश सुथार , सज्जन कूकना , अमीलाल मारू , महेंद्र मांडा , अमर सिंह मांडा , विजय सिंह धारू , तारचंद कूकना , बलराज सहित अनेक लोग मौजूद थे।
- इस मौके पर कृष्ण कुमार सरपंच , रामजी लाल मांडा , हरि सिंह कड़वासरा , राम स्वरूप बाना , श्रवण कुमार मांडा , कृष्ण कुमार पूर्व सरपंच , रमेश सुथार , सज्जन कूकना , अमीलाल मारू , महेंद्र मांडा , अमर सिंह मांडा , विजय सिंह धारू , तारचंद कूकना , बलराज सहित अनेक लोग मौजूद थे।
- लेकिन उन दिनों बागों में कोयलों ने कूकना बन्द कर दिया था , पपीहों ने गाना बन्द कर दिया था , वर्षों से किसी ने चाँदनी में चकोर को नहीं देखा था और यहाँ तक कि किसी नदी के पानी में किसी को अपनी छाया भी नहीं दिखाई देती थी , किसी आईने में किसी को अपना अक़्स नहीं दिखाई देता था।