क्षति-पूर्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस राजनीतिक जोड़-घटाव से सरकार चुनाव से पहले भले ही थोड़ी बहुत क्षति-पूर्ति कर ले परन्तु इस बात की क्या गारंटी है कि इस बीच कोई और आतंकवादी वारदात नहीं होगी।
- यही कि रात का जो स्वाभाविक अलक्षित काम है वह नष्ट हो जता है , अनिद्रा से थकान बढ़ती जाती है , क्षति-पूर्ति नहीं हो पाती , इंसान उन्मादी हो उठता है।
- यही कि रात का जो स्वाभाविक अलक्षित काम है वह नष्ट हो जता है , अनिद्रा से थकान बढ़ती जाती है , क्षति-पूर्ति नहीं हो पाती , इंसान उन्मादी हो उठता है।
- क्या यह एक तरह की क्षति-पूर्ति है , घर के अभाव को बेघर अनुभवों से भरने की लालसा ? कहना मुश्किल है किन्तु इन्हें परंपरागत अर्थ में ‘ यात्रा-संस्मरण ' कहना भी गलत होगा।
- इस अधिनियम के अन्तर्गत अगर कोई महिला घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराती है तो जिला मजिस्ट्रेट आरोपी को क्षति-पूर्ति करने का आदेश और सांझा घर के अंतर्गत निवास उपलब्ध कराने के आदेश जारी कर सकता है .
- कार्यालयीन बजट में डाक-व्यय , स्टेशनरी-व्यय और सूचना आयोग द्वारा पारित आदेशानुसार क्षति-पूर्ति दावों ( डिक्रीधन ) आदि के भुगतान के साथ-साथ अमले की कमी को पूरा करने के लिए संबंधित विभाग / कार्यालय के बजट में पर्याप्त प्रावधान कराया जाए।
- आमिरः मैंने उमर भाई से मिलकर यह प्रोग्राम बनाया कि अल्लाह के घर को शहीद करने के बाद इस बडे गुनाह की तलाफी ( क्षति-पूर्ति ) के लिये हम वीरान मस्जिदों को आबाद करने और कुछ नई मस्जिदें बनाने का बेडा उठाएँ।
- सरस्वती , हंस, मतवाला, भारतमित्र, चांद, माधुरी, सुधा, इन्दु, हिन्दी प्रदीप, ब्राह्मण, संगम, कर्मवीर, प्रतीक, आदिपत्रिकाओं से आरम्भ यह परम्परा अनवरत रूप से हिन्दी जगत में चलती रही और यदि कोईपत्रिका बंद हुई तो उसकी क्षति-पूर्ति का प्रयत्न एक नई साहित्यिक पत्रिका के जन्मके रूप में हुआ.
- हम दोनों समस्त तथ्यों की उच्चस्तरीय जांच कराएँगे और हमारे पक्ष को भी ससम्मान प्रकाशित न करने वाले समाचार पत्रों को अदालत और प्रेस परिषद के समक्ष न सिर्फ खड़ा करेंगे वरन मानहानि की क्षति-पूर्ति उत्तरदायी लोगों से वसूल करने के लिए न्यायिक जंग अवश्य लड़ेंगे .
- कामुक विडियो-कथायें आदि पर खूब दर्शाये , लिखे, सुनाये जारहे हैं...... -पुरुष की तो गलती है ही परन्तु गलती होने के बाद आप क्या कर लेंगे...क्या इस क्षति-पूर्ति का कोई उपाय है आपके पास. ..अत: प्रीवेन्शन इस बेटर देन क्योर....... व्यर्थ की बातों... कहानियों से समाज नहीं चला करता...