×

ख़ानक़ाह का अर्थ

ख़ानक़ाह अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. बोर्ड के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष और ख़ानक़ाह रुदौली शरीफ़ के सज्जादानशीन शाह अम्मार अहमद अहमदी नैयर मियाँ ने कहाकि भारतीय मुसलमानों को उत्तर प्रदेश में उचित प्रतिनिधित्व मिलना बहुत ज़रूरी है।
  2. फिर जो अख़्लाक़ ईश्वरवाद से जन्म लेते हैं वे सिर्फ़ एक ख़ास तपस्वी एंव जप-जप करने वाले गिरोह के लिए ख़ास नहीं हैं कि केवल ख़ानक़ाह और मठों की चारदीवारी और एकांत ही में उनका प्रदर्शन हो सके।
  3. [ हसन निज़ामीकृत फ़वाइदुलफ़ुवाद [ बुलन्दशहर 1855 ई 0 ] से पता चलता है कि सिद्ध और नाथ योगी बड़ी संख्या में बाबा की ख़ानक़ाह पर एकत्र होते थे और उनसे अनेक विषयों पर बाबा की बातचीत होती थी।
  4. अपने पीर अबुल फज़ल के आदेश से इस्लाम के पवित्र संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिये 1041 ईस्वी में लाहौर आए और वहाँ रावी नदी के किनारे भाटी घाट के पश्चिम में एक टीले पर उन्होंने मस्जिद और ख़ानक़ाह की स्थापना की .
  5. अपने पीर अबुल फज़ल के आदेश से इस्लाम के पवित्र संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिये 1041 ईस्वी में लाहौर आए और वहाँ रावी नदी के किनारे भाटी घाट के पश्चिम में एक टीले पर उन्होंने मस्जिद और ख़ानक़ाह की स्थापना की .
  6. बोर्ड की उत्तर प्रदेश की ज़िला फ़ैज़ाबाद के शेख़ुल आलम रुदौली शरीफ़ ख़ानक़ाह में आयोजित वार्षिक बैठक में मौलाना अशरफ़ ने याद दिलाया कि इस बात में कोई शंका नहीं है कि किसी भी स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र की सरकार को अपनी विदेश और व्यापार नीति तय करने का अधिकार है।
  7. रात गए जमुना किनारे गयासपुर गाँव के बाहर , जहाँ अब हुमायूँ का मक़बरा है, चिश्ती सूफ़ी ख़ानक़ाह में एक फ़क़ीर बादशाह, नागारों, मोहताजों, मुसाफ़िरों, फ़क़ीरों दरवेशों, साधुओं, उलेमाओं, संतों, सूफ़ियों, ज़रुरत मंदों, गवैयों, और बैरागियों को खिला पिला कर अब अपने तन्हा हुज्रे में जौ की बासी रोटी और पानी का कटोरा लिए बैठा है।
  8. रात गए जमुना किनारे गयासपुर गाँव के बाहर , जहाँ अब हुमायूँ का मक़बरा है, चिश्ती सूफ़ी ख़ानक़ाह में एक फ़क़ीर बादशाह, नागारों, मोहताजों, मुसाफ़िरों, फ़क़ीरों दरवेशों, साधुओं, उलेमाओं, संतों, सूफ़ियों, ज़रुरत मंदों, गवैयों, और बैरागियों को खिला पिला कर अब अपने तन्हा हुज्रे में जौ की बासी रोटी और पानी का कटोरा लिए बैठा है।
  9. रात गए जमुना किनारे गयासपुर गाँव के बाहर , जहाँ अब हुमायूँ का मक़बरा है , चिश्ती सूफ़ी ख़ानक़ाह में एक फ़क़ीर बादशाह , नागारों , मोहताजों , मुसाफ़िरों , फ़क़ीरों दरवेशों , साधुओं , उलेमाओं , संतों , सूफ़ियों , ज़रुरत मंदों , गवैयों , और बैरागियों को खिला पिला कर अब अपने तन्हा हुज्रे में जौ की बासी रोटी और पानी का कटोरा लिए बैठा है।
अधिक:   पिछला  आगे


PC संस्करण
English


Copyright © 2023 WordTech Co.