ख़ुर्द का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्योकि शख़्स जिन्सी मसायल या चोरी , ख़यानत , ख़ुर्द बुर्द और धोखे बाज़ी में हर चीज़ को जायज़ समझता है उससे किसी क़िस्म की पाकीज़गी ए नफ़्स जैसी सिफ़ात की हरगिज़ तवक़्क़ो नही रखी जा सकती या जो शख़्स माल व दौलत जमा करने का शायक़ और शेफ़ता है और लोगों के माली हुक़ूक़ और क़र्ज़ों की अदायगी की तरफ़ हरगिज़ तवज्जो नही करता।
- { कश्मीर की सर्दी को तीन हिस्सों में बाँटा गया है , जिसे यहाँ की स्थानीय भाषा में चिल्ले - कलाँ , चिल्ले - ख़ुर्द और चिल्ले - बछ पुकारते हैं | चिल्ले - कलाँ कश्मीर वादी का चालीस दिनों वाला सर्दी के मौसम का सबसे ठंढा हिस्सा है , जो अमूमन 21 दिसंबर से शुरू होता है और 29 जनवरी तक रहता है | ये कहानी बारह साल पहले कश्मीर में आई अब तक की सबसे प्रचंड सर्दी के उसी चालीस दिनों के अंतराल की है ...
- इस बार तो हद ही कर दिया है इस सर्दी ने | कल से बदस्तूर बर्फ गिर रही है | आज सुबह उठा तो मेरा बंकर पूरी तरह ढँक चुका था बर्फ में | कंपनी के कुछ जवान लगे हुये थे खुदाई करके बर्फ हटाने में | सुबह में कुछ देर को रुकी और फिर से चालू हो गई है बर्फबारी | इस बार के चिल्ले - कलाँ ने तो खुश कर दिया है इन कश्मीरियों को | चिल्ले - कलाँ खत्म होगा तो चिल्ले - ख़ुर्द शुरू होगा . ..
- मौलाना “आज़ाद” ने एक मज़्मून लिखा और उस में यह शे ' र शामिल कर दिया माशूक़-ए-मा बा-शेवा-ई हर कस मुवाक़िफ़ अस्त बा मा शराब ख़ुर्द ,बा ज़ाहिद नमाज़ कर्द (हमारा माशूक़ अपने सुलूक में हर एक का साथ दे लेता है .जहाँ उसने हमारे साथ बैठ कर शराब पी,वहीं उसने ज़ाहिद के साथ नमाज़ भी पढ़ ली !] मौलाना “जौहर” ग़ुस्से में रात के वक़्त ही अपने एक दोस्त सैयद महफ़ूज़ अली के घर पहुँचे और उनको सोते से उठा कर कहा कि “देखो अबुल कलाम ने कैसा तंज़ (ताना) किया है .मुझे इसका जवाब भी चाहिये.