खाँड़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- खीर खाँड़ भोजन मिले , ताकर संग न जाय ॥ 151 ॥ एक ते जान अनन्त, अन्य एक हो आय ।
- गुड़ और खाँड़ के भाव चीनी मिलेगी , तो हमारा गुड़ कौन लेगा ? उसने एक कटोरे में गुड़ की कई पिण्डियाँ लाकर दीं।
- तुम हाथ में खाँड़ अर्थात तलवार लेकर तड़का रहे हो तो तुम्हारा तड़काना दुख दे रहा है क्योंकि मैं कुछ आचारों से बँधी हुई हूँ ।
- सभी प्रकार के इक्षु ( ईख ) से बनाये जा सकनेवाले पदार्थ- जैसे राव , गुड़ , खाँड़ , चीनी , मिश्री , कन्द आदि बनाने का ज्ञान ' कला ' है।
- सभी प्रकार के इक्षु ( ईख ) से बनाये जा सकनेवाले पदार्थ- जैसे राव , गुड़ , खाँड़ , चीनी , मिश्री , कन्द आदि बनाने का ज्ञान ' कला ' है।
- इस समय लोग भात , दाल , कढ़ी , बरा- मगौरा , पापर , कोंच काचरिया , बिजौरौ , खाँड़ , घी , मांड़े , मिर्च का चूर्ण और आम का अचार जैसी वस्तुओं का अपने भोजन में प्रयोग किया करते थे।
- इस समय लोग भात , दाल , कढ़ी , बरा- मगौरा , पापर , कोंच काचरिया , बिजौरौ , खाँड़ , घी , मांड़े , मिर्च का चूर्ण और आम का अचार जैसी वस्तुओं का अपने भोजन में प्रयोग किया करते थे।
- तात्पर्य है कि जैसे जलसे बनी हुई चीज जल ही है , खाँड़से बनी हुई चीज खाँड़ ही है , सोनेसे बने हुए गहने सोना ही हैं , ऐसे ही भगवान् से बना हुआ सब संसार भगवान् ही हैं - ‘ वासुदेवः सर्वम् ' ।
- मन के भीतर उमड़-घुमड़ कुछ बादल सघन ललक बरसन पर पछुआ की धार से छितर-बितर कुछ टुकड़ा इधर कुछ खाँड़ उधर घर के भीतर की खनखन कलरव बच्चों का कि अनबन घरनी के मन में कुछ तड़पन फिर ठनगन उठता नहीं स्वर गगन बस होती भनभन मन ही मन घरवाला अपने में मगन देख ना सके . ..
- मन के भीतर उमड़-घुमड़ कुछ बादल सघन ललक बरसन पर पछुआ की धार से छितर-बितर कुछ टुकड़ा इधर कुछ खाँड़ उधर घर के भीतर की खनखन कलरव बच्चों का कि अनबन घरनी के मन में कुछ तड़पन फिर ठनगन उठता नहीं स्वर गगन बस होती भनभन मन ही मन घरवाला अपने में मगन देख ना सके