गरुड़ध्वज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कहा : देवराज ! जहाँ सबको शरण देनेवाले , सबकी रक्षा में तत्पर रहने वाले जगत के स्वामी भगवान गरुड़ध्वज विराजमान हैं , वहाँ जाओ ।
- हे नृपश्रेष्ठ ! वह यज्ञ निष्कामभाव से जो करते हैं , वे गरुड़ध्वज विष्णु भगवान् का लोक प्राप्त करते हैं , जो सिद्धों के लिए भी दुर्लभ है।
- जितेन्द्रिय मुनि चिरकाल तक कठोर तपस्या करके जिस फल को प्राप्त करता है , वह फल उस दिन भगवान गरुड़ध्वज को प्रणाम करने से ही मिल जाता है ।
- जितेन्द्रिय मुनि चिरकाल तक कठोर तपस्या करके जिस फल को प्राप्त करता है , वह फल उस दिन भगवान गरुड़ध्वज को प्रणाम करने से ही मिल जाता है ।
- गरुड़ध्वज ( सं . ) [ सं-पु . ] 1 . विष्णु 2 . प्राचीनकाल के बने हुए ऐसे स्तंभ जिन पर गरुड़ की आकृति बनी होती थी 3 .
- इस पर मिले अभिलेख में यह उल्लेख किया गया है कि ८इस स्तंभ की स्थापना सन् ८६१ ( वि. सं. ९१७ ) में राष्ट्रकूट राजा प्रबल के महामंत्री ने गरुड़ध्वज के रुप में की थी।
- सेल्यूकस निकेटर की कन्या चन्द्रगुप्त मौर्य के ज़माने में आयी , यवन-राजदूतों ने विष्णु के मंदिरों में गरुड़ध्वज बनाए और यवन राजाओं की उपाधि सोटर त्रातर का रूप लेकर हमारे राजाओं के यहाँ आने लगी।
- भक्त उन्हें कई नामों से पुकारते हैं उनकी महिमा का वर्णन करते हैं श्री नारायण , श्री कृष्ण , बैकुण्ठ , लक्ष्मीकांत , देवकीनन्दन , दामोदर , हृषीकेश , केशव , पुण्डरीकाक्ष , गोविन्द , गरुड़ध्वज , माधव , स्वभू , ...
- भक्त उन्हें कई नामों से पुकारते हैं उनकी महिमा का वर्णन करते हैं श्री नारायण , श्री कृष्ण , बैकुण्ठ , लक्ष्मीकांत , देवकीनन्दन , दामोदर , हृषीकेश , केशव , पुण्डरीकाक्ष , गोविन्द , गरुड़ध्वज , माधव , स्वभू , ...
- देवाधिदेव वासुदेव का यह गरुड़ध्वज ( स्तंभ) तक्षशिला निवासी दिय के पुत्र भागवत हेलिओवर ने बनवाया, जो महाराज अंतिलिकित के यवन राजदूत होकर विदिशा में काशी ( माता ) पुत्र ( प्रजा ) पालक भागभद्र के समीप उनके राज्यकाल के चौदहवें वर्ष में आये थे।