गुरु ग्रन्थ साहब का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आप सिक्खो का क़त्ल कर दे , मुसलमानों को मार दे, पर खबरदार कुरआन, गुरु ग्रन्थ साहब, स्वर्ण मंदिर, मक्का और मदीना, और मस्जिद की शान में कतई कोई गुस्ताखी ना करे.
- ********************* - जबकि नानक साहब ने सतपुरुष के आकार रूप ? में दर्शन करने के बाद अपनी अमृतवाणी महला पहला श्री गुरु ग्रन्थ साहब में पूर्ण बृह्म का आकार होने का प्रमाण दिया है ।
- तो महोदय आपकी जानकारी के लिए बता दू कि गुरु ग्रन्थ साहब का लेखन कार्य पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी के कार्य काल में शुरू हुआ जो कि दशम पिता तक चलता रहा
- लेकिन अपने देहावसान के पूर्व गुरु गोविन्द सिंह ने सभी सिखों के आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए गुरु ग्रन्थ साहब और उनके सांसारिक दिशा-निर्देशन के लिए समूचे खालसा पंथ को ‘ गुरु पद ' पर आसीन कर दिया।
- उन्होंने कहा कि ससुराल में जब पहली बार गुरुद्वारे बहु को ले जाने की परम्परा के अनुसार उन्हें वहां ले जाया गया तो गुरु ग्रन्थ साहब से यही प्रकाश मिला कि संसार कीचड़ है , यहां आपको कमल बनकर खिलना है।
- लेकिन अपने देहावसान के पूर्व गुरु गोविन्द सिंह ने देहधारी गुरु परम्परा समाप्त कर दी और सभी सिखों के आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए गुरु ग्रन्थ साहब और उनके सांसारिक दिशा-निर्देशन के लिए समूचे खालसा पंथ को ‘गुरु पद ' पर आसीन कर दिया।
- लेकिन अपने देहावसान के पूर्व गुरु गोविन्द सिंह ने देहधारी गुरु परम्परा समाप्त कर दी और सभी सिखों के आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए गुरु ग्रन्थ साहब और उनके सांसारिक दिशा-निर्देशन के लिए समूचे खालसा पंथ को ‘गुरु पद ' पर आसीन कर दिया।
- भारत की समृध्द परम्परा में वेद , उपनिषद , जैन आगम , त्रिपिटक , पुराण , गुरु ग्रन्थ साहब , कबीर की रचनावली , भिन्न सुधार आन्दोलन , संत तथा ॠषि , योध्दा तथा लेखक , शिल्पी तथा चित्रकार के साथ साथ मुस्लिम , ईसाई तथा पारसियों की भारतीय परम्पराएं भी सम्मिलित हैं ।
- भारत की समृध्द परम्परा में वेद , उपनिषद , जैन आगम , त्रिपिटक , पुराण , गुरु ग्रन्थ साहब , कबीर की रचनावली , भिन्न सुधार आन्दोलन , संत तथा ॠषि , योध्दा तथा लेखक , शिल्पी तथा चित्रकार के साथ साथ मुस्लिम , ईसाई तथा पारसियों की भारतीय परम्पराएं भी सम्मिलित हैं ।
- गुरु अर्जुन देव ( 2.5), सिक्खों के पंचम गुरु एवं ग्रन्थ-साहब के संकलन कर्ता; गुरु नानक का उत्तराधिकारी एवं लंगर-पद्धति का शुभारम्भ करने वाले गुरु अंगद देव (4.5) और गुरु ग्रन्थ साहब में जिनकी वाणी का संकलन है ऐसे गुरु अमरदास (23.5) सरीखे गुरु तो सिक्ख सम्प्रदाय के दस गुरुओं में अपनी विशेष पैठ बनाए हुए हैं।