गौरांग महाप्रभु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अभी नींद-उनींद में था गौरांग महाप्रभु का गाँव था सामने था और रोशनियों में जगमग कृष्ण-चैतन्य का मंदिर मूर्छित भोरहरे के महा-रास में मूर्छना में महाप्रभु के भक्तजन मूर्छना में महाचेतना देह तजती देहाकृतियाँ देह से अदेह होती नदी भी बेसुध अभी तक ,
- शंकराचार्य , समर्थ गुरू रामदास ,, नरसी मेहता , दादू दयाल , संत ज्ञानेश्वर , स्वामी रामानन्द , गोरखनाथ , मछीन्द्रनाथ , हरिदास , तुलसीदास , रामनुजाचार्य , माधवाचार्य , रामकृष्ण परमहंस , स्वामी विवेकानन्द , रामतीर्थ , योगी अरविन्द , महर्षि रमण , गौरांग महाप्रभु , महात्मा एकरसानन्द आदि प्रात : स्मरणीय महात्माओं का आत्मिक विकास इस महाशक्ति के आंचल में ही हुआ था।
- शंकराचार्य , समर्थ गुरू रामदास ,, नरसी मेहता , दादू दयाल , संत ज्ञानेश्वर , स्वामी रामानन्द , गोरखनाथ , मछीन्द्रनाथ , हरिदास , तुलसीदास , रामनुजाचार्य , माधवाचार्य , रामकृष्ण परमहंस , स्वामी विवेकानन्द , रामतीर्थ , योगी अरविन्द , महर्षि रमण , गौरांग महाप्रभु , महात्मा एकरसानन्द आदि प्रात : स्मरणीय महात्माओं का आत्मिक विकास इस महाशक्ति के आंचल में ही हुआ था।
- यदि एक सभा चल रही हो जहा एक आसन पर गौरांग महाप्रभु जी बैठ जाये , एक आसन पर पैगम्बर आया जाये , एक आसन पर गुरु नानक देव जी आ जाये और एक आसन पर ईसा विराजमान हो जाये तो उस सभा में कभी लड़ाई नहीं होगी क्यूंकि ये सारे महापुरुष उस परमात्मा तक पहुच चुके हैं , ये उन रास्तो से गुजार चुके हैं औरर इन्हें पता है