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चलाचल का अर्थ

चलाचल अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. अस्तित्व धूप का निर्विकार है , जीवन रस सा शाश्वत और साकार है धूप का आवागमन निर्बाध है ग्रहण से क्षणिक साक्षात्कार है , बस यूँ ही सृष्टि का चलाचल है धूप , बादल , ग्रहण इसी का फलाफल है ।।
  2. कहीं से आती है आवाज़ रिस्ता रिस्ता चलाचल राही , चंद कदम और भले कहीं तो जा रहा है रास्ता रीस्ता रीस्ता शायद उस चमन में ही आसरा मिले आसमां की चादर में जी घुटता है मेरा ऐ मेरे हमसफ़र चल इसे उतार चलें
  3. इसमें मुझे वह अंतरा पसंद है अपना लिखा हुआ कि “ सूरज चंदा तारे जुगनु सबकी अपनी हस्ती है , जिसमें जितना नीर वो उतनी देर बरसती है , तेरी शक्ति अपार , तू तो लाया है गंगा धरती पे उतार , हिम्मत न हार , चल चलाचल ” ।
  4. हां , खास बात यदि आपने अपना ज् यादातर समय खुद की खासियत की तलाश में ही काट दिया है तो हरिवंश राय बच् चन जी की ऐतिहासिक पुस् तक ' मधुशाला ' में लिखी लाइन ' राह पकड तू एक चलाचल पा जाएगा मधुशाला ' को अपना जीवन सूत्र बना लीजिए।।।।।
  5. शीश पर तेरे सजा है जो मुकुट , केवल क्षणिक है याचकों की बाध्यता ही प्रप्ति के पथ की बधिक है यज्ञ करता पूर्ण जो भी है अधूरापन तपस्वी मान ले पथ में सदा उपलब्धि से बाधा अधिक है धैर्य रख कर एक ही पथ पर चलाचल ओ पथिक तू हो नहीं विश्वास क्षय, चाहे समय नित आजमाये -आत्म विश्वास को जगाती प्रेरणा देती रचना बहुत सुंदर लगी..
  6. और कल कल पलायन है अस्तित्व से ही अब से अब से चाह गुम राह गुम वो रात के चार कदम आवारा वो भूली बातें और बातों का व्यारा वो गूंजे निशब्द और शांत से अंतर्द्वंद वो चलाचल का साथ और साथ का दुराव जब वो चले झुन झुन जब वो गुमे गुम गुम तुमने दिया जो थोड़ा कुछ तुमसे लिया जो वो सब कुछ ताक पर सब क्यूँ . ...
  7. चलाचल मन तू ब्रिज की ओर / शिवदीन राम जोशी मोहन खेल रहे है होरी / शिवदीन राम जोशी दारिद्र को जारन को नहीं आयो / शिवदीन राम जोशी बरसत मिहरा आया श्रावन / शिवदीन राम जोशी गुरु गोविन्द के सम कौन है दाता / शिवदीन राम जोशी दुःख दर्द का साथी दुनिया में / शिवदीन राम जोशी सतसंग बिना ना रंग चढ़े / शिवदीन राम जोशी रे रंग डारि
  8. उदाहरणस्वरूप- मध्यसर्ग- आ ( चलाचल ) ; उपसर्ग- बि ( बिकल ) , स ( सजल , सपूत ) , सु ( सुबास ) , अ ( अजान ) , निपात - हे , अहे , हो , अहो , ए , ए हो , अरे , रे , ए रे , अरे ए ; तद्धित प्रत्यय - वन्त ( रूपवन्त ) , आई ( तरनाई ) , आपो ( मोटापो ) इत्यादि ।
  9. जब नरगिस की तस्वीर खींची और उन्हें भेंट की तो नरगिस ने पूछा था-क्या वाकई मैं इतनी खूबसूरत हूं ? कलकता में चलाचल ( हिन्दी में सफर , वही सफर जिसमें राजेश खन्ना , शर्मिला टैगोर और फिरोज खान थे ) फिल्म बनाने तथा सत्यजीत रे के साथ कुछ साल काम करने के बाद मुझे लगा कि जब मेरे और मेरे पिता के पास खूब पैसा है तो फिर मैं और पैसा किसके लिए कमा रहा हूं।
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