चुनचुनाहट का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक जगह गाडी रोकने के बाद पैदल रास्ता था क़रीब डेढ़ किलोमीटर का , यहाँ तक आते-आते सूरज सिर पर चढ़ चूका था, स्वेटर-शॉल अब बदन पर चुनचुनाहट पैदा करने लगे थे .
- ] नथुनों में खुजली के कारण ज़ोर से साँस बाहर आना जिससे ज़ोर की ध्वनि हो ; चुनचुनाहट पैदा करने वाली या श्वाँसक्रिया में बाधक तत्व को निकालने के लिए भीतर की वायु का वेग और आवाज़ के साथ बाहर आना।
- ] नथुनों में खुजली के कारण ज़ोर से साँस बाहर आना जिससे ज़ोर की ध्वनि हो ; चुनचुनाहट पैदा करने वाली या श्वाँसक्रिया में बाधक तत्व को निकालने के लिए भीतर की वायु का वेग और आवाज़ के साथ बाहर आना।
- यह दिन में दो बार दीजिये ध्यान रहे कि चूर्ण मुंह में न लगने पाए इसी लिये मुनक्के में भर कर दिया जाता है अन्यथा मुंह में हल्की सी चुनचुनाहट का अनुभव होने लगता है और किसी किसी नाजुक मरीज को छाले हो जाते हैं।
- यह दिन में दो बार दीजिये ध्यान रहे कि चूर्ण मुंह में न लगने पाए इसी लिये मुनक्के में भर कर दिया जाता है अन्यथा मुंह में हल्की सी चुनचुनाहट का अनुभव होने लगता है और किसी किसी नाजुक मरीज को छाले हो जाते हैं।
- पुराने ज़ंगखाये टीन के कनस् तर , सड़ी रजाइयाँ , सड़े-गले कपड़ों की कतरनें , पुराने टूटे छाते , खाट के पावे , बाध वगैरह-वगैरह बाहर चबूतरे पर फेके जा चुके थे , गर्द के साथ जिनकी तीखी गन् ध नथुनों में बेतरह चुनचुनाहट मचा रही थी।
- १ . वादी : - यह वात विकार से उत्पन्न होता है इसकी आकृति बेर के समान होती है इसमें रक्त स्त्राव नही होता अपितु जलन व् चुनचुनाहट , होती है इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को प्रायः सिरदर्द , छाती में जलन व् दर्द , कभी कभी श्वास में तकलीफ हो जाता है
- • इसकेलिये सबसे पहले जरूरी है साफसफाई , जब बच्चा गोद से उतरने लायक बड़ा हो जाता है तो वह हर चीज उठाकर मुंह में डाल लेता है सबसे पहला कारण डायरिया का यही होता है उस समय बच्चों के दांत निकल रहे होते है और उनके दांतो में चुनचुनाहट होती है जिसकी वजह से हर चीज मुंह मे डाल लेते हैं।
- बेर डूबी कोरे घड़े की तरह डूब गया उसका दिल छाती में दर्द होता है आंखों में चुनचुनाहट जाने हवा-बयार लगी कि मंतर का बान देह में ताप है कि मन में पंखा होंकने से मन और घूमता है जीवन की सारी उपलब्धियां व्यर्थ हैं उसकी जीत , उसका मान , उसकी कला एक थरिया भात तक नहीं कमा सका हर बार हारा है स्टीफन ...
- विशेषज्ञ डाक्टर मीनाई कहते हैं आप जानते होंगे कि तांबे के बर्तन में खाना पकाना ठीक नहीं है किन्तु इसके बर्तन में भोजन करना ठीक है और जिन लोगों के शरीर का कोई अंग सुन हो जाता है या उनके किसी अंग में भीतरी चोट लगी हो या जो लोग यह कहते हैं कि उनके शरीर में चुनचुनाहट हो रही है , उन्हें तांबा युक्त पानी पीना चाहिए या तांबे के बर्तन में भोजन करना चाहिए।