छांदोग्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- छांदोग्य उपनिषद् में मनु और श्रद्धा की भावसूचक व्याख्या भी मिलती है।
- महाभारत , कठोपनिषद् , वृहदारण्यक और छांदोग्य सभी प्रश्नोत्तरशैली में ही हैं।
- छांदोग्य और वृहदारण्यक में संसर्ग को यज्ञ के माध्यम से समझाया गया है।
- १ . ईश, २. ऐतरेय, ३. छांदोग्य, ४. प्रश्न, ५. तैत्तिरीय, ६. बृहदारण्यक, ७.
- सम्भवतः चांडाल छांदोग्य के काल में शूद्र जाति की निम्नतम शाखाओं में परिगणित था।
- परंतु इस दर्शन का मूल प्राचीनतम छांदोग्य एवं वृहदारण्यक उपनिषदों में प्राप्त होता है।
- परंतु इस दर्शन का मूल प्राचीनतम छांदोग्य एवं वृहदारण्यक उपनिषदों में प्राप्त होता है।
- ( छांदोग्य उपनिषद् 4 - 4 - 2 ) यह प्रसंग सत्यकाम का है।
- छांदोग्य उपनिषद् में भी लिखा है कि इतिहास पुराण वेदों में पाँचवाँ वेद है ।
- छांदोग्य के सातवें अध् याय में कई बार इतिहास , पुराण आदि का उल्लेख है।