छान्दोग्योपनिषद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मेरे मित्र और गुरु भाई विद्यानिवास मिश्र ऐसे ही लाखों में एक वृक्ष थे जिनको साहित्य का संसार और समुदाय कई पीढ़ियों तक स्मरण करेगा . ' छान्दोग्योपनिषद ' में एक सार्थक मन्त्र-वाक्य है- ' स्मरोववकाशाद्ध भूयः ' . अर्थात स्मरण आकाश से भी उत्कृष्ट है . '
- संसार के सभी धर्मो में शराब कबाब शबाब को मनुष्य के पतन का कारण माना गया है | इन में शराब सबसे अधिक घातक है | छान्दोग्योपनिषद में मदिरा पान करने वाले को गुरू पत्नीके साथ सम्भोग करने वाले के समान महापापी बताया गया है | यही नही उपनिषदकार ने मदिरा पान करने वाले का साथ करने वाले को भी उसी के समान महापापी बताया है | क्योकि शराब पिनेवाले मनुष्य का संसारिक और , आध्यत्मिक जीवन नष्ट हो जाता है |