छिन-छिन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पल-पल , छिन-छिन सरकते सरकते जाने कब बड़े लम्हों में तब्दील हो जाते हैं ...
- हम-तुम सारे ही जिसमें किरदार निभाते हैं पल-पल छिन-छिन उस नाटक का मंचन होता है ।
- - पल-पल , छिन-छिन सरकते सरकते जाने कब बड़े लम्हों में तब्दील हो जाते हैं ...
- - पल-पल , छिन-छिन सरकते सरकते जाने कब बड़े लम्हों में तब्दील हो जाते हैं ...
- अब कौन सुनेगा छिन-छिन पर बाबा का अढ़ौना ? वह दौड़ कर दालान की ओर गयी।
- पल-पल छिन-छिन नैन बिछाये बैठी रहती हैं हर दिन॥ उनके मुख पर मुस्कान सजे , कुछ ऐसी करामात करें।
- बहुरंगी अंतरंग का विस्थापन बजता रहता है चौबीस घंटे छिन-छिन , कान में वह नहीं गिरता शीशा कहीं किसी के.
- इस मंदिर के बारे में ठाकुर जगमोहनसिंह ने अपने खंडकाव्य प्रलय में लिखा है : -बाढ़त सरित बारि छिन-छिन में।
- वह कहते थे कि “ है ” कहकर जिसे हम पुकारते हैं , वह सभी चीजें छिन-छिन बदलती हैं।
- नाम अमल उतरे ना भाई , नाम का नशा उतरता नहीं, और अमल छिन-छिन चढ़ उतरे, नाम अमल दिन बढे सवाया.