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जमनोत्री का अर्थ

जमनोत्री अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. जेठानी समझदार थी , बाहर से ही घर में चल रहा वातावरण समझ गयीं | ' अरे बहू ! क्या बात है , क्यूँ डांट रही हो इसे | ' जमनोत्री की जेठानी ने वातावरण को और हल्का करने की कोशिश की | ' नहीं मम्मी जी , मैं मम्मी जी को कह रही थी कि ....
  2. प्रतीक भी अब इस ओर नहीं आता , जाने उसकी दादी ने क्या कहा उससे कि अब सिर्फ अपनी छत पे ही खेलता रहता है | जमनोत्री ने नन्हे प्रतीक को अपनी गाडी को उलट पलटकर ठीक करते हुए देखा | पिछली छुट्टी में सुधीर लेके आया था प्रतीक के लिए, अमेरिका से | “ए प्रतीक! इधर आ!”
  3. ' जेठानी जी भी सकपका गयीं ' मैंने अभी स्नान-ध्यान कुछ नहीं किया , उसके बाद पहनूंगी ' | ' आज बहू सबकी तलाशी लेगी | ' जमनोत्री को अपनी बहू पर लाड़ आ गया | कभी कभी बच्चों जैसी जिद पे उतर आती है , सुधीर की दादी तो अभी तक हमपे इतने ताने मार चुकी होती कि ...
  4. ' जेठानी जी भी सकपका गयीं ' मैंने अभी स्नान-ध्यान कुछ नहीं किया , उसके बाद पहनूंगी ' | ' आज बहू सबकी तलाशी लेगी | ' जमनोत्री को अपनी बहू पर लाड़ आ गया | कभी कभी बच्चों जैसी जिद पे उतर आती है , सुधीर की दादी तो अभी तक हमपे इतने ताने मार चुकी होती कि ...
  5. निर्विघ् न रूप से चल रही धार्मिक यात्रा करने वाले निर्दोष और अनजान यात्रियों पर केदारनाथ एवं जमनोत्री क्षेत्र में अचानक बादलों का फटना , पहाडों का धसना , नदियों का रोद्ररूप धारण करना , जैसे कई प्रकृति का प्रकोप कहर बन कर आया और हजारों बच् चे , बूढों और जवान पुरूष महिलाओं को मौत की गोद में सुला दिया।
  6. देवभूमि उत् तराखण् ड जहां हरिव् दार , ऋषिकेश , बद्री , केदार , गंगोत्री , जमनोत्री जैसे अनेकानेक पवित्र तीर्थस् थल होकर जब वहां तक जाने के लिए यातायात के कोई भी साधन उपलब् ध न होकर पैदल यात्रा करना पडती थी , तब से आज तक प्रतिवर्ष लाखों धर्मालुजन अपनी धार्मिक यात्रा निर्विध् न रूप से सम् पन् न करते आ रहे है।
  7. देवभूमि उत् तराखण् ड जहां हरिव् दार , ऋषिकेश , बद्री , केदार , गंगोत्री , जमनोत्री जैसे अनेकानेक पवित्र तीर्थस् थल होकर जब वहां तक जाने के लिए यातायात के कोई भी साधन उपलब् ध न होकर पैदल यात्रा करना पडती थी , तब से आज तक प्रतिवर्ष लाखों धर्मालुजन अपनी धार्मिक यात्रा निर्विध् न रूप से सम् पन् न करते आ रहे है।
  8. ऋषिकेश में ही जगदम्बा का और भक्त जलाराम का , उत्तरकाशी और मसूरी में रमण महर्षि का और बंबई में स्वामी नित्यानंदजी का, महेसाणा तथा अन्य स्थलों में शिरडी के महान संत सांईबाबा का, लक्षेश्वर महादेव की कुटिया में प्रकाश का, दक्षिणेश्वर में कुमारी के रूप में जगदम्बा का, जमनोत्री में अपने पूर्व जन्मों का, आलंदी में संत ज्ञानेश्वर एवं निवृतिनाथ के भी दर्शन हुए ।
  9. हालांकि भारतीय सनातन हिन्दू धर्म के धार्मिक स्थल बाबा अमरनाथ , केदारनाथ , बद्रीनाथ सहित गंगोत्री और जमनोत्री मंदिरो के पट एक दिन से अधिक समय तक आम दर्शनार्थियो के दर्शन के खुलते है और लाखो श्रद्धालुजन इसके दर्शन लाभ लेते हैं , लेकिन विश्व में ऐसा कोई मंदिर , मस्जिद और गिरिजाघर शायद नही होगा जिसके पट वर्ष में केवल एक दिन 24 घंटे के लिए खुलते है।
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