जम्भ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “ दूर तुम कर दो विधाता मुकुट अपने भाल से अब दो हटा हरि कैटभारि किरीट कठिन कठोर सिर से जम्भ अरि देवेन्द्र तुम भी पृथक कर दो मुकुट सिर से अब पधार रहे उमापति शंभु ” - यह उनके नमन के समय में जब वे तुम्हारे चरण में प्रणिपात करते , शंभु अभ्युत्थान क्षण में जननि तेरे परिजनों की विजयिनी हो यह गिरा गंभीर नित शिवसंगिनी हे ! ॥ 29 ॥