जाबालोपनिषद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 13 ” style = color : blue > * / balloon > == संस्कार एवं वर्ण == द्विजातियों में गर्भाधान से लेकर [[ उपनयन ]] तक के संस्कार अनिवार्य माने गये हैं तथा स्नान एवं विवाह नामक संस्कार अनिवार्य नहीं हैं , क्योंकि एक व्यक्ति छात्र-जीवन के उपरान्त संन्यासी भी हो सकता है ( [[ जाबालोपनिषद ]] ) ।
- जाबालोपनिषद में कुछ विपरीत मत मिलते है , वहां अविमुक्त , वरणा और नासी का अलौकिक प्रयोग है , अविमुक्त को वरणा और नाशी के मध्य स्थित बताया गया है , वरणा को त्रुटियों का नाश करने वाला , और नाशी को पापो का नाश करने वाला बताया गया है , इस प्रकार काशी पापं से मुक्त करने वाली नगरी है .