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जिह का अर्थ

जिह अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. 20 वीं शताब्दी के प्रथम चतुर्थांश में कई ब्रिटिश अभियानों ने त्सांग्पो की धारा के प्रतिकूल जाकर तिब्बत में जिह - का - त्से तक नदी के पहाड़ी दर्रों की खोज की।
  2. कबीर सोई मारीऐ , जिह मूऐ सुखु होइ॥भले भले सभु को कहै,बुरे न मानै कोइ॥९॥कबीर जी इस श्लोक मे कहते है कि हमे उसे मारना चाहिए जिस के मरने से हमे सुख की प्राप्ती होती है।
  3. कबीर सोई मारीऐ , जिह मूऐ सुखु होइ॥भले भले सभु को कहै,बुरे न मानै कोइ॥९॥कबीर जी इस श्लोक मे कहते है कि हमे उसे मारना चाहिए जिस के मरने से हमे सुख की प्राप्ती होती है।
  4. वसीयतुल्हादी , मनफ़िअतुल-ईमान , इर्शादनामा इत्यादि काव्य ग्रंथों के रचयिता शाह बुरहानुद्दीन जानम [ 1543 - 1590 ई 0 ] ने लिखा था - हिन्दी भाषा करूं बखान / जिह प्रताप का मुझ ग्यान ।
  5. नई अबला रस भोग नजाने सेज किये जिह माय डरी रसबात करी तब चोंक चली तब कंठने जायके बाप करी इन दोनानकी ज़क जोरानमे गठ नाभि कमलसे टूट परी तब दीपक कामिनी हाथ धरी इही कारन कामनी हाथ जरी समजने वाले मतलब समज गये है भले मै नही समजा ।
  6. गुरु ग्रन्थ में एक बार ही यह शब्द आया और वह भी कबीर के दोहे में : कहु कबीर जन भए खालसे प्रेम भगति जिह जानी यहाँ मेरे ख्याल में इस का अर्थ है जो लोग भगति करते हैं वह परमात्मा के अपने ( मल्कीअत ) बन जाते हैं .
  7. यदि हम भाग् यवान रहे कोई देवस् व रुप हमारा सा थी हमारे निक ट बैठा हो उस समय झ कझ ोर रहा हो वो हम ें हमारी एक ध् वनि के लिए पर जिह ् वा जैसे अनगिन रेगिस् तान में भट कत े-भ टकते प् यास के मारे उ ठते-उठते बैठ जाए
  8. दिवस बीति रहि आश में आश ना आशा कोय वहि आशा नहीं आश है जिह मैं आशा ना होय ॥ १ ॥ यह जीवन तो फूल है फ़िर क्यों बनता धूल तूं सुख की सागर निधि करता क्योंकर भूल ॥ २॥ राम नाम तूं राम कह कह ना दूजो नाम राम सुबह का नाम है बाकी से है शाम ॥ ३॥ यह जन्म सुख का पुं
  9. दिवस बीति रहि आश में आश ना आशा कोय वहि आशा नहीं आश है जिह मैं आशा ना होय ॥ १ ॥ यह जीवन तो फूल है फ़िर क्यों बनता धूल तूं सुख की सागर निधि करता क्योंकर भूल ॥ २॥ राम नाम तूं राम कह कह ना दूजो नाम राम सुबह का नाम है बाकी से है शाम ॥ ३॥ यह जन्म सुख का पुं . ..
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