जीवन्ती का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अब जहॉ तक मृतक की हत्या कारित करने के आशय का प्रश्न है , वादिनी मुकदमा श्रीमती जीवन्ती देवी द्वारा अपनी मुख्य परीक्षा के दौरान पृष्ठ-1 पर यह स्वीकार किया है कि-श्मेरे पति के धना देवी पत्नी राम सिंह के साथ 2-3 साल से अवैध सम्बन्ध चले आ रहे थे।
- अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि रिपोर्टर श्रीमती जीवन्ती देवी ने एक लिखित तहरीर पटवारी , बसई तहसील भिकियासैण जिला अल्मोड़ा को इन कथनों के साथ दी कि उसके पति राम सिंह दिनांक 25.9.2005 की रात्रि करीब 9.00 बजे बलमरा बाजार से घरेलू समान लेकर घर आये।
- साठी के चावल , शालि धान के चावल, गेहूँ, जौ, मूँग, गाय का दूध व घी, मिश्री, सैंधव नमक, तिल का तेल, जीवन्ती (डोडी), बथुआ, परवल, ताजी कोमल मूली, अदरक, अनार, अंगूर, हरड़, आँवला व दिव्योदक अर्थात् जमीन पर गिरने से पहले इक्टठा गया वर्षा का जल ये नित्य सेवन करने योग्य पदार्थ हैं।
- साक्षी पूरन सिंह द्वारा अभियुक्त को दिनांक 12 . 102005 को गिरफ्तार कर गॉव में लेकर आना कहा गया है और जिसके बाद दिनांक 13.10.2005 को अभियुक्त का रिमाण्ड कराया गया तथा इसी बात की पुष्टि साक्षी श्रीमती जीवन्ती देवी द्वारा अपनी जिरह के पृष्ठ-3 में की गई है कि अभियुक्त घटना के 16-17 दिनों बाद गिरफ्तार हुआ।
- दूसरा महिना : इसमे शतावरी, जीवन्ती, अश्वगंधा, मुलहठी, बला आदि मधुर औषधियों में से एक या अधिक का १ ग्राम चूर्ण २०० मिली दूध में २०० मिली पानी मिलाकर मध्यम आँच पर उबालते हुए पानी का भाग जल जाने पर सेवन करे | सवा महिना होने पर आश्रम द्वारा दी औषध से ३ मास तक पुंसवन कर्म करे |
- इसमे शतावरी , जीवन्ती , अश्वगंधा , मुलहठी , बला आदि मधुर औषधियों में से एक या अधिक का १ ग्राम चूर्ण २ ०० मिली दूध में २ ०० मिली पानी मिलाकर मध्यम आँच पर उबालते हुए पानी का भाग जल जाने पर सेवन करे | सवा महिना होने पर आश्रम द्वारा दी औषध से ३ मास तक पुंसवन कर्म करे |
- इसमे शतावरी , जीवन्ती , अश्वगंधा , मुलहठी , बला आदि मधुर औषधियों में से एक या अधिक का १ ग्राम चूर्ण २ ०० मिली दूध में २ ०० मिली पानी मिलाकर मध्यम आँच पर उबालते हुए पानी का भाग जल जाने पर सेवन करे | सवा महिना होने पर आश्रम द्वारा दी औषध से ३ मास तक पुंसवन कर्म करे |
- निम्न न्यायालय की पत्रावली पर उपलब्ध वाद पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि वादीगण श्रीमती नन्दी देवी एवं पूरन लाल द्वारा श्रीमती जीवन्ती देवी एवं अन्य के विरूद्ध विक्रय पत्र को निरस्त करने एवं स्थायी निषेधाज्ञा हेतु एक वाद निम्न न्यायालय में योजित किया था जिसके पैरा-4 में वादीगण द्वारा कथन किया गया कि प्रश्नगत बैनामे की जानकारी उन्हें तब हुई जब माह जून 2007 में खरीदशुदा है।
- अभियोजन पक्ष की ओर से पेश की गई गवाह पी0डब्लू0-2 श्रीमती जीवन्ती देवी जो वादिनी मुकदमा भी है और जिसके द्वारा प्रदर्श क-1 लिखित तहरीर कथित घटना के बाबत पट्टी पटवारी बसई क्षेत्र तहसील भिकियासैन जिला अल्मोड़ा में दी थी , ने अपने मौखिक साक्ष्य के दौरान अपनी मुख्य परीक्षा में स्वीकार किया है कि-श्25.9.05 के 9 बजे रात्रि मेरे पति राम सिंह दूसरे मकान में कु0 कमला तथा दो बच्चों के साथ सोने चले गये थे।
- - सतयुग की कथा है जहाँ एक शहर मेँ “ परशु ” नामक वैश्य बनिया रहता था - उसकी पत्नी का नाम था “ जीवन्ती ” मनुष्य के कर्म ही उसे नाना विध दुख व व्याधि ( बीमारी ) देते हैँ - सो परशु वैश्य को भरी जवानी मेँ ही दमे का रोग लग गया ! पत्नी जीवन्ती ने पति की कडी सेवा की - वैध्यराज ने भी उपचार मेँ कोई कसर ना छोडी ! परँतु वैध्य की चिकित्सा और पत्नी की सेवा भी परशु को बचा न पाई !