झम-झम का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रांची , आले करम दुइए दिना… हायरे चलुनी धनी करम खेले…, ऐ पिया लानी देउ रंगलागत साड़ी… अखरा में झम-झम लागल […]
- यहाँ झम-झम कर बौछारें हो रही होती हैं वहाँ पढ़ने सुनने वाले पूरे जोश में भरे आल्हा के शौर्य में डूब उतरा रहे होते हैं।
- आईं बिजली लगी चमकने चम्-चम् लगा बरसने पानी झम-झम लेकर अपने साथ दिवाली सरदी आई बड़ी निराली शाम सवेरे सरदी लगती पर स्वेटर से है वह भगती।
- बीच-बीच में सारा आसन-बासन झंडा-बंडा दरसनिया-परसनिया लुप्प से बिला जाता था जब झम-झम करती आती थी किसिम किसिम के अटपटिया-फटफटिया का गुन गाती भुक-भुक हँसती बिलैती लड़की।
- , अब वहां जाना अलाऊ करवाओ तो कुछ गैर मुस्लिम दिल से सजदा भी करने जायेंगे और कुछ बस घूमने और जानेंगे कि आबे झम-झम कुआ है या झरना . ,
- एकसिरे से दूसरे सिरे तक , हरा-भरा, झम-झम करता लॉन, फूलों-पौधों से सजे छोटे-बड़े गमले, फलों से लदे वृक्ष, सब्जियों की भरी-पूरी क्यारियां, दो बार, चार बार, दस बार वह चक्कर काट चुका था।
- भाव उमड़ रहे अनगिनत हर पल मुस्कानों की ओट से बहता है आँखों का जल कभी थमी झम-झम बूँदें कभी मेघ जमकर बरसे यूँ ही टहनियों से टूट कर कलियाँ कहती तरुवर से !
- प्रेम है एक मासूम अहसास प्रेम है एक कोमल सी छुअन जो बादल सी घुमड़ती है पल-पल जो झरने सी झरती है झर-झर जो बूँदों सी बरसती है झम-झम या पायल सी खनकती है छम-छम।
- सुरतों की पुकार व फरियाद- 2 तो वही उसने घुटनों तक कपड़ा पहना और घुंघरू लगाया और उसके बाद खप्पर लिया और एक त्रिशूल लिया और झम-झम करता वो गया तो कभी आगे तो कभी पीछे कभी आगे तो कभी पीछे।
- पहले घर में बच्चे होते और होती थीं दादी-नानी गीतों के झरने बहते थे झम-झम झरते कथा-कहानी शाम ढले अब सूने घर में बस्तों से झरते हैं बच्चे - ! बदलाव सुखद नहीं है मगर करें क्या बदलाव वक्त की नीयति है.