ठनठन गोपाल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जी हाँ , यह गीत एक व्यंगात्मक वार है शराबख़ोरी पर , इसके दुष्परिणामों पर व्यंग के ज़रिए तीर पे तीर चलाए गये हैं जैसे कि गीत में कहा गया है “ उस पर मज़ा कि ख़ाली हो पाकिट ” , “ मिट्टी के भाव जाके बेच आये मोती ” , “ ज़ेवर से कपड़ा , कपड़े से बरतन , बोतल के पानी में डूब गया धन ” , “ दिया ना साल भर किराया मकान का , चढ़ गया सर पर कर्ज़ा पठान का ” , “ बेटा अमीर का ठनठन गोपाल हुआ ” , इत्यादि।