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डम-डम का अर्थ

डम-डम अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. पश्चात् कलकत्ता की ओर वह हवाई जहाज रवाना हुआ , लगभग पांच बजे कानपुर के एक फौजी अड्डे पर पैट्रोल लिया और पुनः उड़कर रात्री आठ बजकर पचास मिनट पर कलकत्ता डम-डम के अड्डे पर उतरा ।
  2. ड से डमरू , बाजे डम-डम, देखो बंदर नाचे छम-छम, बंदर के संग एक बंदरिया, ओढ़ी है वह लाल चुनरिया, बंदर को वह मुँह चिढ़ाए, बात-बात पर काटे धाए, पर बंदर सदा हँसता जाए, और बार-बार उसे मनाए।।
  3. -अरूणा राय पूंजीवाद बंदरवाला हाथ नचा-नचाकर बजाए जा रहा था डमरू डिग-डिग , डम-डम उछलता-कूदता, पीछे-पीछे बच्चों का मस्तमौला झुंड ! दिखी अट्टालिका सामने डाल दी पोटली लगा जोर-जोर से बजाने डिम-डिम डमरू गाने लगा साथ-साथ नाच मेरी बुलबुल..! …
  4. -अरूणा राय पूंजीवाद बंदरवाला हाथ नचा-नचाकर बजाए जा रहा था डमरू डिग-डिग , डम-डम उछलता-कूदता, पीछे-पीछे बच्चों का मस्तमौला झुंड ! दिखी अट्टालिका सामने डाल दी पोटली लगा जोर-जोर से बजाने डिम-डिम डमरू गाने लगा साथ-साथ नाच मेरी बुलबुल..! …
  5. डम-डम , डम-डम करता आया, बन्दर वाला , बन्दर लाया, बन्दर के संग एक बन्दरिया, पहने थी वो लाल घघरिया, ठुमुक-ठुमुक कर नाच दिखाती, माँग-माँग कर पैसे लाती ! गिनती गिन लो प्यारे भाई! यह कविता भी प्रतिमा की यादों से.
  6. डम-डम , डम-डम करता आया, बन्दर वाला , बन्दर लाया, बन्दर के संग एक बन्दरिया, पहने थी वो लाल घघरिया, ठुमुक-ठुमुक कर नाच दिखाती, माँग-माँग कर पैसे लाती ! गिनती गिन लो प्यारे भाई! यह कविता भी प्रतिमा की यादों से.
  7. डम-डम , डम-डम करता आया, बन्दर वाला , बन्दर लाया, बन्दर के संग एक बन्दरिया, पहने थी वो लाल घघरिया, ठुमुक-ठुमुक कर नाच दिखाती, माँग-माँग कर पैसे लाती ! गिनती गिन लो प्यारे भाई! यह कविता भी प्रतिमा की यादों से.
  8. सघन जटामंडलरूपी वनसे प्रवहित हो रही गंगाजल की धाराएँ जिन शिवजी के पवित्र कंठ को प्रक्षालित करती ( धोती) हैं, जिनके गले में लंबे-लंबे, विक्राक सर्पों की मालाएँ सुशोभित हैं, जो डमरू को डम-डम बजाकर प्रचंड तांडव नृत्य कर रहे
  9. सघन जटामंडलरूपी वनसे प्रवहित हो रही गंगाजल की धाराएँ जिन शिवजी के पवित्र कंठ को प्रक्षालित करती ( धोती) हैं, जिनके गले में लंबे-लंबे, विक्राक सर्पों की मालाएँ सुशोभित हैं, जो डमरू को डम-डम बजाकर प्रचंड तांडव नृत्य कर रहे हैं-
  10. इस दिव्य और विचित्र बारात के प्रस्थान के समय डमरुओं की डम-डम , शंखों के गंभीर नाद, ऋषियों-महर्षियों के मंत्रोच्चार, यक्षों, किन्नरों, गन्धर्वों के सरस गायन और देवांगनाओं के मनमोहक नृत्य और मंगल गीतों की गूँज से तीनों लोक परिव्याप्त हो उठे।
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