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तनुता का अर्थ

तनुता अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. तनुमानसा - श्रवण , मनन , और निदिध्यासन से शब्दादि विषयो के प्रति जो अनासक्ति होती है एवं सविकल्प समाधि मे अभ्यास से बुद्धि की जो तनुता - सूक्ष्मता प्राप्त होती है , वही तनुमानसा है।
  2. मूलार्क से प्रारम्भ करने के बाद तनुता के मापक्रम में हम ज्यों-ज्यों ऊपर बढ़ते हैं , त्यों-त्यों अपरिष्कृत पदार्थ से दूर हटते जाते हैं यही कारण है कि होमियोपैथी विधि से निर्मित औषधियाँ सामान्यतः विषहीन एवं अहानिकारक होती हैं।
  3. जो शीर्ण होता है उसे शरीर कहते हैं , जो तनुता है विकसित होता है उसे तन कहते हैं , जो दहति अर्थात ताप से युक्त होता है उसे देह कहते हैं और जो स्थान घेरता है उसे काया कहते हैं।
  4. अप्रदश्र्य होने के कारण उसके स्थान पर मूच्र्छा ) - मानी गई हैं, जिनके स्थान पर कहीं अपने तथा कहीं दूसरे के मत के रूप में विष्णुधर्मोत्तरपुराण, दशरूपक की अवलोक टीका, साहित्यदर्पण, प्रतापरुद्रीय तथा सरस्वतीकंठाभरण तथा काव्यदर्पण में किंचित् परिवर्तन के साथ चक्षुप्रीति, मन:संग, स्मरण, निद्राभंग, तनुता, व्यावृत्ति, लज्जानाश, उन्माद, मूच्र्छा तथा मरण का उल्लेख किया गया है।
  5. उत्कम्प इलेक्ट्रोड तथा अनुत्क्रमणीय इलेक्ट्रोड नेर्न्स्ट समीकरण , मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड तथा कांच का इलेक्ट्रोड विलियन के अभिगमन चालकता सहित तथा रहित सान्द्रता सेल (विशिष्ट, तुल्यांकी तथा आणविक चालकता) आयनिक वेगतथा चालकता पर तनुता का प्रभाव, चालकता मूलक अनुमापन आयनन की मात्रा तथा अभिगमननांक की चालकता संकल्पना तथा उसका निर्धारण आयनिक गतिशीलता का कोलराशनियम तथा उसका अनुप्रयोग प्रबल विद्युत अपघट्य के सिद्धान्त की प्रारंभिक धारणा.
  6. वर्षो पहले नेचर पत्रिका के तत्कालीन सम्पादक जान मैडाक्स ने वैज्ञानिकों की टीम के प्रयोग के दौरान यह देखा था कि होम्यो औषधियां अपनी तनुता में उस स्तर तक जा पहुँचती हैं जहां वस्तुतः सम्बन्धित दवा का एक भी मालीक्यूल नहीं रह जाता -तो क्या पानी में इन औषधियों के मालीक्यूल की कोई छाया प्रभावी होती है ? जो इलाज की प्रक्रिया शुरू करती है ....
  7. ' बिछलीघास' हरीतिमा, तनुता, कोमलता और जिजीविषा की ओर संकेत करती है तो 'कलंगी बाजरे की' छरहरी प्रिया का झूमता हुआ बिम्ब प्रस्तुत करती है- 'हरी बिछली घास।' दोलती कलगी छरहरी बाजरे की।' वे प्रिया को ललाती सांझ के नभ की अकेली तारिका नहीं कहना चाहते, शरद के भोर की नीहार-न्हायी कुँई और चम्पे की टटकी कली भी नहीं कहना चाहते क्योंकि ये उपमान मैले हो गए हैं।
  8. ' बिछलीघास' हरीतिमा, तनुता, कोमलता और जिजीविषा की ओर संकेत करती है तो 'कलंगी बाजरे की' छरहरी प्रिया का झूमता हुआ बिम्ब प्रस्तुत करती है- 'हरी बिछली घास।' दोलती कलगी छरहरी बाजरे की।' वे प्रिया को ललाती सांझ के नभ की अकेली तारिका नहीं कहना चाहते, शरद के भोर की नीहार-न्हायी कुँई और चम्पे की टटकी कली भी नहीं कहना चाहते क्योंकि ये उपमान मैले हो गए हैं।
  9. पूर्वानुराग का दश कामदशाएँ - अभिलाष , चिंता, अनुस्मृति, गुणकीर्तन, उद्वेग, विलाप, व्याधि, जड़ता तथा मरण (या अप्रदश्र्य होने के कारण उसके स्थान पर मूच्र्छा) - मानी गई हैं, जिनके स्थान पर कहीं अपने तथा कहीं दूसरे के मत के रूप में विष्णुधर्मोत्तरपुराण, दशरूपक की अवलोक टीका, साहित्यदर्पण, प्रतापरुद्रीय तथा सरस्वतीकंठाभरण तथा काव्यदर्पण में किंचित् परिवर्तन के साथ चक्षुप्रीति, मन:संग, स्मरण, निद्राभंग, तनुता, व्यावृत्ति, लज्जानाश, उन्माद, मूच्र्छा तथा मरण का उल्लेख किया गया है।
  10. पूर्वानुराग का दश कामदशाएँ - अभिलाष , चिंता , अनुस्मृति , गुणकीर्तन , उद्वेग , विलाप , व्याधि , जड़ता तथा मरण ( या अप्रदश्र्य होने के कारण उसके स्थान पर मूच्र्छा ) - मानी गई हैं , जिनके स्थान पर कहीं अपने तथा कहीं दूसरे के मत के रूप में विष्णुधर्मोत्तरपुराण , दशरूपक की अवलोक टीका , साहित्यदर्पण , प्रतापरुद्रीय तथा सरस्वतीकंठाभरण तथा काव्यदर्पण में किंचित् परिवर्तन के साथ चक्षुप्रीति , मन : संग , स्मरण , निद्राभंग , तनुता , व्यावृत्ति , लज्जानाश , उन्माद , मूच्र्छा तथा मरण का उल्लेख किया गया है।
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