तन्खाह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अगर सरकार २१ अक्तुबर को भी सिर्फ आस्वसन दे कर हमारे देलिगेशन को टट्क़ा देति है तो हम समुहिक अवकाश पर तो जायेगे हि परन्तु आप कभि भी न भुले की सरकार ने आपका १५०% तन्खाह खाई है =
- आज भी याद है वो दिन जब रिहान को पहली तन्खाह मिली थी उसने पूछा था बताओ पापा क्या दिलाऊँ आपको और मैंने कहा था , बस एक बार मुझे मेरे गाँव मेरे देश ले चलना बेटा और दूजी कोई चाह नहीं है मेरी।
- आज भी याद है वो दिन जब रिहान को पहली तन्खाह मिली थी उसने पूछा था बताओ पापा क्या दिलाऊँ आपको और मैंने कहा था , बस एक बार मुझे मेरे गाँव मेरे देश ले चलना बेटा और दूजी कोई चाह नहीं है मेरी।
- और सच्ची बात यह है ( रोते हुए ) हम गंदे तो एक पैसा छोडने वाले नहीं थे , मेरे करीम रब को हम पर तरस आया कि उन्होंने हमें ईमान अता फरमाया और इस ईमान के लिए इस तन्खाह को छोडने की तौफीक भी दी।
- === अर्थ से संतुष्टि === कार्य करने के बाद जो भी बदले मे पारिश्रमिक मिलता है , उसे ही किये जाने वाले कार्य की संतुष्टि या फ़ल कहते हैं , नौकरी करने के बाद जो तन्खाह मिली उसे अपने परिवार या निजी इच्छा पूर्ति के लिये खर्च करने के बाद जो मानसिक प्रतिफ़ल मिला वही अर्थ की सम्तुष्ति कहलाती है .
- बहुत सुंदर लिखा आप ने , यह दलित नाम से यह लोग हम सब का शॊषण कर रहे है , एक सफ़ाई कर्म चारी का काम है सफ़ाई करना , लेकिन भारत के किसी भी शहर गांव कस्बे मै जा कर देखे गंदगी के ठेर लगे है , ओर सफ़ाई कर्मचारी अपनी हाजिरी तो जरुर लगवाते है , पुरी तन्खाह भी लेते है ...
- अहमदः इतनी बडी तन्खाह छोडने पर राज़ी हो गयीं ? जावेदः जिस बडी चीज़ के लिए मुलाज़मत छोडी है , यह तन्खाह उसके पासंग में भी नहीं आयेगी , उन्होंने यह मुलाज़मत अपने रब अहकमुल हाकिमीन का हुक्म मानने के लिए छोडी है , अब आप बताईये कि अल्लाह के हुक्म के आगे यह एक लाख रूपए महीना की तन्खाह क्या हैसियत रखती है ?
- अहमदः इतनी बडी तन्खाह छोडने पर राज़ी हो गयीं ? जावेदः जिस बडी चीज़ के लिए मुलाज़मत छोडी है , यह तन्खाह उसके पासंग में भी नहीं आयेगी , उन्होंने यह मुलाज़मत अपने रब अहकमुल हाकिमीन का हुक्म मानने के लिए छोडी है , अब आप बताईये कि अल्लाह के हुक्म के आगे यह एक लाख रूपए महीना की तन्खाह क्या हैसियत रखती है ?
- अहमदः इतनी बडी तन्खाह छोडने पर राज़ी हो गयीं ? जावेदः जिस बडी चीज़ के लिए मुलाज़मत छोडी है , यह तन्खाह उसके पासंग में भी नहीं आयेगी , उन्होंने यह मुलाज़मत अपने रब अहकमुल हाकिमीन का हुक्म मानने के लिए छोडी है , अब आप बताईये कि अल्लाह के हुक्म के आगे यह एक लाख रूपए महीना की तन्खाह क्या हैसियत रखती है ?
- से और रेगुलर नियुक्तिया होगी ही होगी ! !! हमारा क्या होगा? फिर इतना स्टाफ कहा जाएगा, फिर क्या छ्ट्नी अभियान,ज्ञात रहे एप्रेजल पालिसि द्वारा छ्ट्नी अभियान २०१२ से ही शुरु हो गया है, अतः छ्ट्नी २०१२ से ही शुरु होगा, तन्खाह बडेगी नही क़्योक़ि सेलेरी इन्क्रिमेन्ट क़ा आधार एप्रेजल पालिसि होगा, दोस्तो जिन्दगी जहनुम बन जाएगी, अगर स्थाई न हुए तो, गुलामो से भी बद्तर जिन्दगी होने वाली है हमारी......।