तीन पाँच का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रत्येक खिलाड़ी को तीन पाँच समुदाय कार्ड का उपयोग करता है और उन्हें उसकी तो दोनों के साथ जोड़ती है के रूप में उन्हें सबसे अच्छा संभव पोकर हाथ में गठबंधन करने के लिए .
- गणित वाले सर तपाक से चंदु से बोले - “ज्यादा तीन पाँच मत करो , वरना दो-चार जड़ दुंगा, तो छठी का दुधा याद आ जाएगा, अच्छाई इसी में है कि जल्दी से 9-2-11 हो जाओ।”
- भईया , बताइए तो ज़रा कौन है वो जो इतना तीन पाँच कर रहा है....कह दीजिये उससे की फ़ौरन नौ-दो ग्यारह हो जाए वरना हम भी उसे दिन में तारे दिखा सकते हैं ... हाँ नहीं तो....!!
- एक , तीन, पाँच, आठ, दस, बारह, चौदह, अठारह, बीस, बाईस व पच्चीसवें नक्षत्र के आधार पर भारतीय महीनों के नाम - चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मृगशिरा, पौष, माघ व फाल्गुन रखे गये ।
- एक , तीन, पाँच, आठ, दस, बारह, चौदह, अठारह, बीस, बाईस व पच्चीसवें नक्षत्र के आधार पर भारतीय महीनों के नाम - चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मृगशिरा, पौष, माघ व फाल्गुन रखे गये ।
- कोई सरकार चाहे जितना तीन पाँच कर सत्ता में आई हो अथवा उसके कृत्य चाहे जितने कूड़ा हों फिर भी उसके प्रति अन्य सरकारें बाह्य मान से भले बरतें परन्तु अख़बार के ऊपर ऐसा कोई बन्धन नहीं होता ।
- मुझे लगता है कि लाइसेन्स लेने के लिए जैसे व्यक्ति सौ तामझाम , तीन पाँच करता है तैसे ही इस प्रकरण में स्त्री को भोग्या बनाए रखते हुए उसे प्रताड़ित व कमतर सिद्ध करने का लाईसेंस लेने के लिए लोग तुलसी सहित जाने किस किस के संदर्भों के साथ तीन पाँच और तरह तरह के ताम - झाम रचते हैं लोग।
- मुझे लगता है कि लाइसेन्स लेने के लिए जैसे व्यक्ति सौ तामझाम , तीन पाँच करता है तैसे ही इस प्रकरण में स्त्री को भोग्या बनाए रखते हुए उसे प्रताड़ित व कमतर सिद्ध करने का लाईसेंस लेने के लिए लोग तुलसी सहित जाने किस किस के संदर्भों के साथ तीन पाँच और तरह तरह के ताम - झाम रचते हैं लोग।
- मुझे लगता है कि लाइसेन्स लेने के लिए जैसे व्यक्ति सौ तामझाम , तीन पाँच करता है तैसे ही इस प्रकरण में स्त्री को भोग्या बनाए रखते हुए उसे प्रताड़ित व कमतर सिद्ध करने का लाईसेंस लेने के लिए लोग तुलसी सहित जाने किस किस के संदर्भों के साथ तीन पाँच और तरह तरह के ताम - झाम रचते हैं लोग।
- समीर जी ने भंगन की बात करी है ! मैं भी करूंगा ! पर डरता हूँ कही मर्यादावादियो का शिकार ना बनना पड़े ?:) हमारे यहाँ पहले कभी घरों में भंगने मैला साफ़ करने आया करती थी और आप जिस की हदबंदी में आ गए हैं वो चाहे सफाई करे या ना करे ,आप दूसरी को काम पर नही रख सकते थे ! और तीन पाँच का तो सवाल ही नही ! अब तो व्यवस्थाए बदल गई हैं !