दयावान् का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रभु तुम कितने दयावान् हो ! यह तुम्हारा असीम वात्सल्य है , नहीं तो मुझ पापी , पतित प्राणी कब इस कृपा के योग्य था ! इस पवित्र भावों से आत्मा विन्हल हो गयी ! वह अनुरक्त हो कर कह उठा - “ सत्त गुरुदत्त शिवदत्त दाता , राम के चरण में चित्त लागा।
- चरक ने लगभग 1 , 000 ई.पू. में लिखा था कि उपचारिका को शुद्ध आचरण की, पवित्र, चतुर और कुशल, दयावान्, रोगी के लिए सब प्रकार की सेवा करने में दक्ष, पाकशास्त्र में गुणी, रोगी के प्रक्षालन तथा स्नान कराने, मालिश करने, उठाने तथ टहलाने में निपुण, बिछावन बिछाने और स्वच्छ करने में प्रवीण, तत्पर, धैर्यवान्, रोग से पीड़ित की परिचर्या में कुशल और आज्ञाकारी होना चाहिए।
- चरक ने लगभग 1 , 000 ई.पू. में लिखा था कि उपचारिका को शुद्ध आचरण की, पवित्र, चतुर और कुशल, दयावान्, रोगी के लिए सब प्रकार की सेवा करने में दक्ष, पाकशास्त्र में गुणी, रोगी के प्रक्षालन तथा स्नान कराने, मालिश करने, उठाने तथ टहलाने में निपुण, बिछावन बिछाने और स्वच्छ करने में प्रवीण, तत्पर, धैर्यवान्, रोग से पीड़ित की परिचर्या में कुशल और आज्ञाकारी होना चाहिए।
- 71 ृ ह द्वन्द्वात्मक दृष्टि से चाहे कितना ही सक्रिय क्यों न हो , अभिव्यक्ति मात्र है , तो मैं नहीं समझता कि क्यों किसी व्यक्ति को अच्छा बनने अर्थात उदार , दयावान् और निःस्वार्थी बनने की कोशिश करनी चाहिए ? तब किसी दुर्बल , दीन और दुःखी के प्रति किसी को सहानुभूति क्यों होनी चाहिए ? मृत्यु के उपरान्त जो भूत-द्रव्य है , वह भूत-द्रव्य में विलीन हो जायगा।
- 71 ृ ह द्वन्द्वात्मक दृष्टि से चाहे कितना ही सक्रिय क्यों न हो , अभिव्यक्ति मात्र है , तो मैं नहीं समझता कि क्यों किसी व्यक्ति को अच्छा बनने अर्थात उदार , दयावान् और निःस्वार्थी बनने की कोशिश करनी चाहिए ? तब किसी दुर्बल , दीन और दुःखी के प्रति किसी को सहानुभूति क्यों होनी चाहिए ? मृत्यु के उपरान्त जो भूत-द्रव्य है , वह भूत-द्रव्य में विलीन हो जायगा।
- हाँ , उनसे गलती होती है किन्तु अल्लाह तआला उन्हें उनकी गलती पर बाक़ी नहीं रखता है , बल्कि उन पर और उनकी उम्मत पर दया करते हुए उनकी गलती को उनके लिए स्पष्ट कर देता है , उनकी लग्ज़ि़श ( चूक ) को क्षमा कर देता है , और अपनी अनुकम्पा और दया से उनकी तौबा को स्वीकार कर लेता है , और अल्लाह तआला अत्यन्त क्षमा करने वाला बड़ा दयावान् है , जैसाकि इस संबंध में वर्णित क़ुर्आन की आयतों का अध्ययन करने से यह बात स्पष्ट होकर सामने आती है।