दुखात्मक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- महादेवी की दुखात्मक अनुभूति चूंकि बौद्ध धर्म भावित है इसलिए दुःख और पीड़ा आर्यसत्य के रूप में विश्व्याप्त दुःख , पीड़ा और हाहाकार में रूपान्तरित हो जाते हैं।
- महादेवी की दुखात्मक अनुभूति चूंकि बौद्ध धर्म भावित है इसलिए दुःख और पीड़ा आर्यसत्य के रूप में विश्व्याप्त दुःख , पीड़ा और हाहाकार में रूपान्तरित हो जाते हैं.
- महादेवी की दुखात्मक अनुभूति चूंकि बौद्ध धर्म भावित है इसलिए दुःख और पीड़ा आर्यसत्य के रूप में विश्व्याप्त दुःख , पीड़ा और हाहाकार में रूपान्तरित हो जाते हैं।
- सुख दुख दोनों नाचेंगे , है खेल आँख और मन का ॥ ” इन पंक्तियों में कवि अपने निविड़ जीवन के सुख दुखात्मक अनुभूति का चित्रण करते हुए कहता है कि जीवन सुख और दुख की लीला भूमि है।
- फिर अभाव असफलताओं की गाथा कौन कहाँ बकता इन पंक्तियों में तो ' संवेदन ' बोध वृत्ति के अर्थ में व्यवहृत जान पड़ता है , क्योंकि सुख दुखात्मक अनुभूति के अर्थ में लें तो हृदय के साथ उसका संघर्ष कैसा ? बोध के एकदेशीय अर्थ में भी यदि हम ' संवेदन ' को लें तो भी उसे भावभूमि से खारिज नहीं कर सकते।