दुर्मुख का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- माल्यवान के वज्रमुष्टि , विरूपाक्ष , दुर्मुख , सुप्तघ्न , यज्ञकोप , मत्त और उन्मत्त नामक सात पुत्र हुये।
- माल्यवान के वज्रमुष्टि , विरूपाक्ष , दुर्मुख , सुप्तघ्न , यज्ञकोप , मत्त और उन्मत्त नामक सात पुत्र हुये।
- कांग्रेस की राजनीति के सन्दर्भ में -यहाँ गुरु दुर्मुख ही नहीं है , ज़रुरत से ज्यादा शातिर भी है।
- माल्यवान के वज्रमुष्टि , विरूपाक्ष , दुर्मुख , सुप्तघ्न , यज्ञकोप , मत्त और उन्मत्त नामक सात पुत्र हुये।
- माल्यवान के वज्रमुष्टि , विरूपाक्ष , दुर्मुख , सुप्तघ्न , यज्ञकोप , मत्त और उन्मत्त नामक सात पुत्र हुये।
- और इसी समय दुर्मुख नामक पात्र राम को लोक में फैली हुयी सीता सम्बन्धी लोकपवाद की सुचना देता है ।
- भावार्थ : - (इनके अतिरिक्त) दुर्मुख, अकम्पन, वज्रदन्त, धूमकेतु और अतिकाय आदि ऐसे अनेक योद्धा थे, जो अकेले ही सारे जगत को जीत सकते थे॥180॥
- सारे मूढ़मति मंत्री मय उस “ काग भगोड़े ” बिजूके , क्रो -स्केयर बार दुर्मुख के हाथ पे हाथ धरे बैठें हैं .
- रामायण में वर्णित दुर्मुख ऐसा ही एक गुप्तचर था जिसने रामचंद्र को सीता के विषय में ( लंका प्रवास के बाद) जनापवाद की जानकरी दी थी।
- कहा गया है कि उनके राजा क्रैव्य और शोण सात्रासाह ने अश्वमेध यज्ञकिये थे और राजा दुर्मुख ने संपूर्ण पृथ्वी को जीतकर अपने अधीन कर लियाथा .