दौलतमन्द का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्योंके अभी तुम किसी को तन्दरूस्त देख रहे थे , के वह देखते ही देखते बीमार पड़ जाता है और अभी तुम उसे दौलतमन्द देख रहे थे के फ़क़ीर व नादार हो जाता है।
- जब 1940 में फ्रांस , एडॉल्फ हिटलर के नाजी जर्मनी के कब्जे में आ गया, तो नाजी ने, loovar के विपरीत, रु डू रिवोली पर स्थित दौलतमन्द और विशेष होटल म्युरिस (ले म्युरिस) को अपना मुख्यालय बनाया.
- धन सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इस्तेमाल की चीज है , उसे नागरिक प्रतिष्ठा और नैतिक उत्कृ्ष्टता का प्रतिनिधि नहीं बना देना चाहिए-विलियम पोर्टर दौलतमन्द बनने के लिए सिर्फ ईश्वर की ओर से पीठ फेरने की जरूरत है-फ्रांसीसी कहावत 6.
- 224 - हैरत की बात है के हसद करने वाले जिस्मों की सलामती पर हसद क्यों नहीं करते हैं ( दौलतमन्द की दौलत से हसद होता है और मज़दूर की सेहत से हसद नहीं होता है हालांके यह उससे बड़ी नेमत है ) ।
- रिश्ते और सेक्स सलाहकार डा . Geetu भारद्वाज opines , “ एक उच्च , महिलाओं दौलतमन्द बेडरूम सेटिंग्स के लिए जिससे वे सब कुछ हो सकता है योजना बना सकते हैं पर उनके यौन इच्छाओं को ध्यान में रखते कि उनके यौन इच्छा की ओर संके त.
- सो पहले से यह बाते संसार में चलादी है कि पानी भी तुलकर बिकेगा और दरखत एक हाथ का होगा और आदमी चार बालिस्त का होगा और जिसके घर में एक सेर कांसी या लोहा होगा वोह दुनिया में दौलतमन्द कहलावेगा , सो यह दुनिया में कैसी भूल बताई है ;
- और दूसरा ऐब यह है के अलग-अलग कोई दौर भी क़ाबिले इत्मीनान नहीं है , दौलतमन्द दौलत को रो रहे हैं और ग़रीब ग़ुरबत को , बीमार बीमारियों का रोना रो रहे हैं और सेहतमन्द सेहत के तक़ाज़ों से आजिज़ हैं , बेऔलाद औलाद के तलबगार हैं और औलाद वाले औलाद की ख़ातिर परेषान।
- और दूसरा ऐब यह है के अलग-अलग कोई दौर भी क़ाबिले इत्मीनान नहीं है , दौलतमन्द दौलत को रो रहे हैं और ग़रीब ग़ुरबत को , बीमार बीमारियों का रोना रो रहे हैं और सेहतमन्द सेहत के तक़ाज़ों से आजिज़ हैं , बेऔलाद औलाद के तलबगार हैं और औलाद वाले औलाद की ख़ातिर परेषान।
- मुझे तो यह गुमान भी नहीं था के तुम ऐसी क़ौम की दावत में शिरकत करोगे जिसके ग़रीबों पर ज़ुल्म हो रहा हो और जिसके दौलतमन्द मदओ किये जाते हों , देखो जो लुक़मे चबाते हो उसे देख लिया करो और अगर उसकी हक़ीक़त मुश्तबा हो तो उसे फेंक दिया करो और जिसके बारे में यक़ीन हो के पाकीज़ा है उसी को इस्तेमाल किया करो।
- बेरंगइस रंगीन दुनियाँ में , ज़िन्दगी बेरंग है,ये कैसा अजूबा है मौला,हर शख्स तंग हैमायुसी है के बस,सर उठाने नहीं देती,क़दम-क़दम पे लड़ाई,हर काम में जंग हैहुस्न और दौलतवालों को,दावत के पैग़ाम मिले,सिमटा दायरा प्यार का,अपनी-अपनी पसंद हैफौलाद की बेड़ियाँ टूट जायेंगी,फ़रेब की नहीं,अपनें ही जाल में आदमी,हो रहा नज़रबंद हैजद्दोजहद में इंसानियत,खो गयी है कहीं,हड्डियों के ढांचे की, आवाज़ बुलन्द हैना सुननें की आदत नहीं,हुक्म की तामील हो,जी हज़ूरी करनेवाला,खिलौना ही पसंद हैमदरसे में पढे सबक,कुछ याद हैं कुछ भूल गये,दो और दो पाँच करके,बनें दौलतमन्द हैसियासतदाँ ने कहा,पाँच साल बाद मिलेंगे “रत्ती”तुम जियो या मरो,अपन तो अमन पसंद है