धक्कम-धक्का का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शील से यहतचा हुआ दर्जा क्या सचमुच अब तीसरे दर्जे की भेड़िया-धसान में लाठी-गठरी और आदमीका धक्कम-धक्का सहने के लिए मजबूर हो जायेगा ? यह तो निश्चय है कि पहले दर्जे केनिपट एकान्त में हमारी गुजर नहीं होगी, शायद हमारे पास इतना बेंवत (वित्त) भी नहोगा कि हम उस दर्जे का ऐश भोग सकें.
- धक्कम-धक्का , महिलाओं के साथ बदसलूकी, म्यूजिक बजाना जैसी मुसीबतें तो पहले ही थीं, अब बाहर पहले निकलने के लिए भागना, चढ़ने की बदहवासी में ट्रैक पर गिर जाने और गिरा देने, लिफ्ट के ठीक सामने खड़े होकर उतरने वाले को बाहर तक नहीं निकलने देना जैसे नए कारनामे और देखे जाने लगे हैं।
- ओ भंडारी राजपूत , कैसा है तेरा 'मलेथ' गाँव?देखने में भला लगता है, साहबो, मेरा मलेथ ।ढलकती नहीं है वहाँ, मेरा मलेथ ।गाँव की निचान में घर है मेरा, मेरा मलेथ ।पालक की बाड़ी है, मेरा मलेथ ।लहसुन की क्यारी है, मेरा मलेथ ।गौओं की गोठ है, मेरा मलेथ ।भैंसों की भीड़ है, मेरा मलेथ ।कुमारियों की टोली है, मेरा मलेथ ।वीरों का धक्कम-धक्का है, मेरा मलेथ ।
- आपको जो दान चढ़ावा देना है उसके लिए कोई जिद्द नहीं ! यहाँ मन्नतें माँगने को प्रेरित करने वाली बातें भी दीवारों पर लिखी मिलेंगी ! एक और बात , : हम अभी इन स्थानों पर बिना कोई धक्कम-धक्का और भीड़-भाड़ से बचे , बड़े आराम से घूम रहे हैं ! अन्यथा , इन स्थानों पर यात्रियों के लिए लिखे निर्देश , जैसे : “ कृपया पंक्ति में प्रवेश करें ! ” कृपया अपनी बारी की प्रतीक्षा करें ! ” इत्यादि ! . .
- कहीं कोई गलती नहीं है तो क्यों सड़कों के परिदृश्य में दिन दुगनी रात चौगुनी परिवर्तन हुआ है लेकिन इसमें दूसरी बिडम्बना भी है जैसे कि पैदल चलने भारतीय-जिनकी संख्या बड़ी होती है-वाहन से हटकर निकलवाले , दबकर, गुड़कते हुए, अपने आप सिकोड़ते हुए आगे बढ़ते हैं, रुकते है, विराम लेते हैं, और पुनः चलने लगते हैं और साँय-साँय कर एक पहिया, दो पहिया, तिपहिया और चौपहिया बाहन एक के बाद निकल जाने पर ही धक्कम-धक्का करते हुए तब तक रुकते हैं जब तक कि आपको रास्ता साफ़ नहीं मिल जाता है।