धनात्मक संख्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिस प्रकार ऋणात्मक संख्या को एक धनात्मक संख्या में जोडने पर धनात्मक संख्या का मान कम हो जाता है , उसी प्रकार से हलन्त को अपने से पूर्व अक्षर में जोडने पर उसमें से 'अ' घट जाता है।
- जिस प्रकार ऋणात्मक संख्या को एक धनात्मक संख्या में जोडने पर धनात्मक संख्या का मान कम हो जाता है , उसी प्रकार से हलन्त को अपने से पूर्व अक्षर में जोडने पर उसमें से 'अ' घट जाता है।
- जिस प्रकार ऋणात्मक संख्या को एक धनात्मक संख्या में जोडने पर धनात्मक संख्या का मान कम हो जाता है , उसी प्रकार से हलन्त को अपने से पूर्व अक्षर में जोडने पर उसमें से ' अ ' घट जाता है।
- जिस प्रकार ऋणात्मक संख्या को एक धनात्मक संख्या में जोडने पर धनात्मक संख्या का मान कम हो जाता है , उसी प्रकार से हलन्त को अपने से पूर्व अक्षर में जोडने पर उसमें से ' अ ' घट जाता है।
- कई प्रतीकों के परंपरागत अर्थ हैं जैसे कि तरल गतिविज्ञान में आक्रमण कोण ( Angle of attack) के लिये अंग्रेजी भाषा के छोटे अल्फा (α), स्वैच्छिक छोटी धनात्मक संख्या हेतु छोटे एप्सिलॉन (ε), जोड़ हेतु बड़े सिग्मा (Σ) एवं मानक विचलन हेतु छोटा सिग्मा (σ) आदि.
- किसी ऋणात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर धनात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी ऋणात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही धनात्मक संख्या मिलती है| शून्य से शून्य को घटाने पर शून्य मिलता है| एक धनात्मक और ऋणात्मक संख्या का योग उनके अन्तर के बराबर होता है , और यदि उन संख्याओं का निरपेक्ष मान बराबर हो तो योग शून्य होता है|
- किसी ऋणात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर धनात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी ऋणात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही धनात्मक संख्या मिलती है| शून्य से शून्य को घटाने पर शून्य मिलता है| एक धनात्मक और ऋणात्मक संख्या का योग उनके अन्तर के बराबर होता है , और यदि उन संख्याओं का निरपेक्ष मान बराबर हो तो योग शून्य होता है|
- किसी ऋणात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर धनात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी ऋणात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही धनात्मक संख्या मिलती है| शून्य से शून्य को घटाने पर शून्य मिलता है| एक धनात्मक और ऋणात्मक संख्या का योग उनके अन्तर के बराबर होता है , और यदि उन संख्याओं का निरपेक्ष मान बराबर हो तो योग शून्य होता है|
- किसी ऋणात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर धनात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या को शून्य से घटाने पर ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी ऋणात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही ऋणात्मक संख्या मिलती है| किसी धनात्मक संख्या से शून्य को घटाने पर वही धनात्मक संख्या मिलती है| शून्य से शून्य को घटाने पर शून्य मिलता है| एक धनात्मक और ऋणात्मक संख्या का योग उनके अन्तर के बराबर होता है , और यदि उन संख्याओं का निरपेक्ष मान बराबर हो तो योग शून्य होता है|